मुख्यमंत्री सहायता निधि में घोटाला : नागपुर के वकील ने फडणवीस पर लगाए आरोप 

मुख्यमंत्री सहायता निधि में घोटाला : नागपुर के वकील ने फडणवीस पर लगाए आरोप 

Tejinder Singh
Update: 2021-06-29 15:43 GMT
मुख्यमंत्री सहायता निधि में घोटाला : नागपुर के वकील ने फडणवीस पर लगाए आरोप 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वकील सतीश उके ने दावा किया है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘डॉ. आबाजी थत्ते सेवा और अनुसंधान संस्था’ के जरिए मुख्यमंत्री सहायता निधी और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के करोड़ों रुपए के फंड का घोटाला किया है। मंगलवार को मुंबई स्थित मराठी पत्रकार संघ में उके ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने से पहले देवेंद्र फडणवीस उस संस्था के अध्यक्ष थे और साल 2014 का इसका लेखा जोखा 1 लाख 42 हजार 242 रुपए का था लेकिन अब संस्था की संपत्ति दो हजार करोड़ रूपए से ज्यादा पहुंच गई है जिनमें नागपुर के जामठा में स्थित नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट भी शामिल हैं। उके ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील के साथ नागपुर के आला पुलिस अधिकारियों से मामले में ठगी और धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज कर जांच की मांग की है। उके ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि फडणवीस ने उद्योगपतियों का काम करने के बदले में उनसे सीएसआर के पैसे इस संस्था को दिलवाए। निजी कंपनियों के जरिए संस्था को करीब 300 करोड़ रुपए की सीएसआर निधी मिली बदले में फडणवीस ने कंपनियों के लिए 500 करोड़ का काम किया।

सरकारी कंपनियों ओएनजीसी से संस्था को सीएसआर के तहत 100 करोड़ जबकि कोल इंडिया ने 25 करोड़ रुपए का फंड दिया। इसके अलावा टाटा ट्रस्ट, एनटीपीसी आदि ने भी संस्था को मोटी रकम दी। उके का दावा है कि संस्था के जरिए सरकारी जमीन पर कब्जा कर सात सितारा अस्पताल बनाया गया और इसके लिए पूरे मामले में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल हुआ है। उके का यह भी दावा है कि अस्पताल में इलाज के नाम पर साल 2014 से 2019 के बीच यानी फडणवीस के मुख्यमंत्री रहते 2 करोड़ 21 लाख रुपए से ज्यादा की रकम दी गई जबकि मुंबई के अस्पतालों को 70 लाख 15 हजार रुपए ही मिले। 

 

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