तडीपार की कार्रवाई रोकने के लिए रिश्वत लेने वाले पुलिस उप निरीक्षक को चार साल की सजा

तडीपार की कार्रवाई रोकने के लिए रिश्वत लेने वाले पुलिस उप निरीक्षक को चार साल की सजा

Tejinder Singh
Update: 2019-04-03 15:46 GMT
तडीपार की कार्रवाई रोकने के लिए रिश्वत लेने वाले पुलिस उप निरीक्षक को चार साल की सजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आरोपपत्र में रियायत बरतने और तड़ीपार की कार्रवाई न करने के लिए आरोपी से ढाई लाख रुपए घूस लेने वाले एक पुलिस उपनिरीक्षक को 4 साल जेल और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई है। मामले की सुनवाई कर रही विशेष सत्र न्यायालय ने आरोपी जगदीश दलवी को खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया। दलवी को मार्च 25 हजार रुपए 2014 में घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। दोषी ठहराया गया दलवी घटना के समय मुंबई के साकीनाका पुलिस स्टेशन में तैनात था। मामले में शिकायतकर्ता के खिलाफ छेड़छाड़ और मारपीट का आरोप था। पेशे से ट्रांसपोर्टर शिकायतकर्ता को दलवी ने एक मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में आरोपपत्र में रियायत के नाम पर दलवी ने उससे धीरे-धीरे सवा दो लाख रूपए घूस ले ली। इसके बाद दलवी ने ट्रांसपोर्टर के खिलाफ तड़ीपार की कार्रवाई न करने के लिए 50 हजार रुपए घूस मांगी।

2014 में 25 हजार की घूस लेते हुआ था गिरफ्तार

लगातार घूस मांगे जाने से परेशान ट्रांसपोर्टर ने एंटी करप्शन ब्यूरो से मामले की शिकायत की जिसके बाद जाल बिछाकर दलवी को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया गया। बुधवार को अदालत ने दलवी के खिलाफ पेश किए गए सबूतों के आधार पर उसे दोषी ठहराया और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7 के तहत 3 साल कैद 5 हजार रुपए जुर्माने जबकि धारा 13(1)(ड) व 13 (2) के तहत चार साल कैद और पांच हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने पर तीन महीने कैद की सजा और भुगतनी होगी। मामले की जांच पुलिस इंस्पेक्टर सुखदा नारकर और एचएन जाधव ने की थी जबकि इसकी पैरवी वकील जे वी देसाई ने की। 
 

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