सभी सरकारी और स्थानीय निकाय के अस्पतालों में स्वच्छता के लिए बने अलग कमेटी - HC

सभी सरकारी और स्थानीय निकाय के अस्पतालों में स्वच्छता के लिए बने अलग कमेटी - HC

Tejinder Singh
Update: 2021-07-07 13:31 GMT
सभी सरकारी और स्थानीय निकाय के अस्पतालों में स्वच्छता के लिए बने अलग कमेटी - HC

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि सभी सरकारी और स्थानीय निकाय के चलाए जानेवाले अस्पतालों में साफ-सफाई और स्वच्छता को लेकर अलग से कमेटी बनाई जाए। जबकि स्थानीय नेता अस्पतालों में स्वच्छता को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाएं। अस्पताल स्वच्छता को अपनी प्राथमिकता में शामिल करें। हाईकोर्ट ने यह बात जैविक कचरे को नष्ट करने को लेकर जरुरी निर्देशों का पालन करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। याचिका में दावा किया गया है कि अस्पतालों में किसी भी कोने में जैविक कचरे को फेक दिया जाता है। यह मरीजों के साथ-साथ अस्पताल के स्टाफ और वहां आनेवाले मरीजों रिश्तेदारों के स्वास्थ्य के लिए भी घातक हो सकता है।

बुधवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आई। याचिका पर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने कहा कि मौजूदा समय में स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना जरुरी है। इसलिए सभी सरकारी व स्थानीय निकाय के अस्पतालों में साफ-सफाई के लिए एक अलग कमेटी बनाई जाए। जो स्वच्छता से जुड़े विषय को देखें। क्योंकि बड़ी संख्या में मरीज व उनके परिजन अस्पताल में जा रहे हैं। अस्पताल की गंदगी संक्रमण फैलाने की वजह बन सकती है। इसलिए साफ-सफाई रखना जरुरी है। खंडपीठ ने कहा कि अस्पताल जैविक कचरे को सही ढंग से नष्ट किया जाना आवश्यक है।

प्रसंगवश खंडपीठ ने अपना एक निजी अनुभव साझा करते हुए कहा कि अस्पताल का सिर्फ प्रवेश द्वार, ग्राउंड फ्लोर और लिफ्ट  परिसर साफ दिखाई देता है, लेकिन जैसे ही अस्पताल की पहली मंजिल पर पहुंचते हैं, तो सारी चीजें अस्त-व्यस्त नजर आती हैं। खंडपीठ ने कहा कि हमने देखा है कि मरीजों के परिजन अस्पताल के कॉरिडोर में भोजन करते हैं और कचरा वहीं पर फेक देते हैं। इस पर भी शीघ्रता से रोक लगाना जरुरी है। 

खंडपीठ ने कहा कि स्वच्छता व साफ-सफाई सभी अस्पतालों की प्राथमिकता में शामिल होना चाहिए। इस बीच खंडपीठ ने मालेगांव का भी उदाहरण दिया। जहां कोर्ट के आदेश पर स्थानीय सांसद, पुलिस आयुक्त और मनपा अधिकारियों की अधिकारियों की कमेटी गठित की गई थी। कमेटी के 15 दिन के गठन के बाद वहां के अस्पताल की स्वच्छता में काफी बदलाव देखने को मिला। इसलिए जरुरी है कि इस मामले में स्थानीय नेता व निर्वाचित प्रतिनिधि भी पहले करे और अस्पताल की साफ-सफाई को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाए। 


 

Tags:    

Similar News