बिहार में अलग-अलग चुनाव लड़ेगी शिवसेना और एनसीपी, गठबधन से इंकार

बिहार में अलग-अलग चुनाव लड़ेगी शिवसेना और एनसीपी, गठबधन से इंकार

Tejinder Singh
Update: 2020-10-13 13:05 GMT
बिहार में अलग-अलग चुनाव लड़ेगी शिवसेना और एनसीपी, गठबधन से इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में एक साथ सरकार चला रही शिवसेना व राकांपा ने साफ कर दिया है कि बिहार विधानसभा चुनाव दोनों दल अलग-अलग लड़ेंगे। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने मंगलवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अभी तक किसी दल के साथ गठजोड़ को लेकर बातचीत नहीं चल रही है। लेकिन बिहार की कई स्थानीय पार्टियां शिवसेना से गठबंधन के लिए बातचीत करना चाहती है। इसमें जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव भी शामिल हैं। जबकि राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि राकांपा बिहार में किसी दल से गठबंधन नहीं कर रही है। 

राऊत ने कहा कि पप्पू यादव शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं पर अभी तक कोई फार्मूला तय नहीं हुआ है। मैं अगले सप्ताह पटना जाऊंगा। जिसके बाद दोनों दलों के बीच बातचीत होगी। राऊत ने कहा कि बिहार में शिवसेना 50 सीटों पर लड़ रही है। यह पूछे जाने पर किया किया शिवसेना बिहार में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए प्रयास करेगी? जवाब में राऊत ने कहा कि बिहार में शिवसेना की इतनी बड़ी ताकत नहीं है। इससे पहले राकांपा सांसद सुनील तटकरे ने कहा था कि यदि राऊत के साथ बिहार चुनाव में प्रचार का मौका मिलेगा तो मुझे खुशी होगी। इसके बाद सोमवार रात को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के बीच बैठक हुई थी। जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शिवसेना और राकांपा का गठबंधन हो सकता है। लेकिन अब शिवेसना ने साफ कर दिया है कि विधानसभा चुनाव के लिए राकांपा के साथ गठबंधन नहीं होगा। 

कांग्रेस के कारण बिहार में नहीं हो सका गठबंधनः प्रफुल्ल पटेल

प्रदेश राकांपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में पार्टी के वरिष्ठ नेता सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि बिहार में राकांपा किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि राकांपा कांग्रेस व राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती थी। इस बारे में हमने कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल और राजद नेता तेजस्वी यादव से चर्चा की थी। हम ज्यादा सीटें भी नहीं मांग रहे थे लेकिन कांग्रेस हमारे साथ मिलकर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं दिखाई दी। इस लिए अब पार्टी ने अपने बल पर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। इस दौरान पटेल ने कांग्रेस की भूमिका की आलोचना करते हुए कहा कि एक तरफ मिलकर भाजपा-जदयू से मुकाबला करने की बात करने वाली कांग्रेस दूसरे दलों को महत्व नहीं देना चाहती। राकांपा सांसद ने कहा कि कांग्रेस की यह भूमिका दुर्भाग्यपूर्ण है।

शिवसेना की सभी सीटों पर जब्त हुई थी जमानत

वर्ष 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 73 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिसमें से सभी सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। जबकि 41 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली राकांपा उम्मीदवारों के 40 जगहों पर जमानत जब्त हो गई थी। 

 

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