शिवसेना के कारण विदर्भ बना भाजपा का गढ़, अकेले लड़कर बढ़ाएंगे अपनी ताकत : कीर्तिकर

शिवसेना के कारण विदर्भ बना भाजपा का गढ़, अकेले लड़कर बढ़ाएंगे अपनी ताकत : कीर्तिकर

Tejinder Singh
Update: 2018-08-23 12:45 GMT
शिवसेना के कारण विदर्भ बना भाजपा का गढ़, अकेले लड़कर बढ़ाएंगे अपनी ताकत : कीर्तिकर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शिवसेना विदर्भ के संपर्क नेता गजानन कीर्तिकर ने कहा कि विदर्भ को भाजपा का गढ़ बनाने में उनकी पार्टी का योगदान रहा है। पूरा श्रेय उनकी पार्टी को ही जाता है। अब लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अकेले बल पर लड़कर शिवसेना विदर्भ में ताकत बढ़ाएगी। कीर्तिकर को संगठनात्मक मामले में पूर्व विदर्भ की जिम्मेदारी पार्टी की ओर से दी गई है। पिछले चुनाव में शिवसेना को मिले वोटों के आंकड़ाें के साथ उन्होंने दावा किया कि पूर्व विदर्भ में लोकसभा की 6 में से 4 व विधानसभा की 36 में 15 -20 सीटाें पर शिवसेना आसानी से चुनाव जीत जाएगी। इन सीटों को जीतने के लक्ष्य के साथ ही चुनाव तैयारी की जा रही है। 

गुरुवार को पूर्व नागपुर के हार्दिक लान सभागृह में विदर्भ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद कीर्तिकर पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। वे पहले भी इस क्षेत्र के संपर्क नेता रहे हैं। राज्य के गृहराज्यमंत्री व गडचिरोली जिले के पालकमंत्री रहे हैं। इस क्षेत्र में संगठनात्मक कार्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक गणित के तहत ही पार्टी प्रमुख ने उनकी नियुक्ति इस क्षेत्र के संपर्क नेता के तौर पर की है। नए पुराने कार्यकर्ताओं को साथ लेकर बूथ स्तर पर काम किया जाएगा।

लंबे समय तक विदर्भ कांग्रेस का गढ़ रहा है। कांग्रेस का विरोध शिवसेना ने किया, शिवसेना का प्रभाव बढ़ा। मुंबई के सहकार नेता आनंदराव अडसूल 5 बार अमरावती से लोकसभा सदस्य चुने गए। रामटेक लोकसभा क्षेत्र में शिवसेना लगातार जीत रही है। फिलहाल विदर्भ में कांग्रेस का जनाधार खिसककर भाजपा का हो गया है। विदर्भ को भाजपा का गढ़ बनाने में शिवसेना का श्रेय है। भाजपा सत्ता में आने के बाद सहयोगी दलों के योगदान को भूल जाती है।

लिहाजा शिवसेना ने अकेले बल पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। विदर्भ में संगठन कार्य की निगरानी के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। सेना भवन मुुंबई में पूर्व व पश्चिम विदर्भ के लिए अरविंद नेरकर को समन्वयक नियुक्त किया गया है। जल्द ही जिला स्तर पर चुनाव तैयारी के कार्यों में तेजी आएगी। पत्रकार वार्ता में सांसद आनंदराव अडसूल, सांसद कृपाल तुमाने, जिला प्रमुख प्रकाश जाधव, शिवसेना उपनेता अशोक शिंदे, पूर्व विधायक नरेंद्र भोंडेकर उपस्थित थे।

यह भी कहा
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सहयोगी दल के नेता सम्मान देते हैं पर वे उन्हें सम्मान नहीं देते हैं। भाजपा तो सहयोगी दलों को ही भूल जाती है।

- नागपुर में नितीन गडकरी के विरोध में भी शिवसेना का उम्मीदवार होगा। फिलहाल शिवसेना ने जिन 4 सीटों पर फोकस किया है उनमें वर्धा,गडचिरोली, चंद्रपुर व भंडारा लोकसभा सीट शामिल है।

- भाजपा के साथ चुनावी तालमेल का विषय नहीं रह गया है। हिदूवादी विचारों को नुकसान नहीं होने देने के लिए ही शिवसेना भाजपा के साथ सत्ता में शामिल हुई।

- राज्य में तीसरी आघाड़ी के साथ गठबंधन का कोई विषय ही नहीं है। शिवसेना अकेले चुनाव लड़ेगी।

- स्थानीय स्तर पर संपर्क नेता तैयार करने का विषय नहीं है। विधानसभा क्षेत्र स्तर पर संपर्क प्रमुख रहते हैं। उनसे मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर संगठनात्मक निर्णय लिया जाता है। 

10 दिन में नई कार्यकारिणी
शिवसेना की स्थानीय कार्यकारिणी के लंबित मामले पर संपर्क नेता गजानन कीर्तिकर ने कहा कि 10 दिन में नई कार्यकारिणी घोषित कर ली जाएगी। बूथ स्तर पर कार्य व कार्यकर्ता की सूची मंगायी जा रही है। शहर व विदर्भ में शिवसेना की संगठनात्मक कमजोरी का भी जायजा लिया जा रहा है। 

प्रकाश जाधव अकेले ही सक्षम
जिला ग्रामीण में शिवसेना के दो प्रमुख है। शहर में भी उसी तरह की व्यवस्था करने संबंधी मांग पर संपर्क नेता कीर्तिकर ने कहा कि शहर शिवसेना में संगठन कार्य के लिए प्रकाश जाधव सक्षम है। उनकी सक्षमता को देखते हुए ही उन्हें यहां की जिम्मेदारी दी गई है। शहर में दो जिला प्रमुख नियुक्त करने की आवश्यकता नहीं लगती है। इस संबंध में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी चर्चा कर जाधव की जिम्मेदारी कायम रखने का निवेदन किया जाएगा। 

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