बीएमसी में 30 वर्षों से सत्तारूढ़ शिवसेना पूरे नहीं कर सकी वादे
प्रज्ञा फाउंडेशन की रिपोर्ट बीएमसी में 30 वर्षों से सत्तारूढ़ शिवसेना पूरे नहीं कर सकी वादे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश की सबसे अमीर मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के चुनाव की तैयारियां शुरू हो गईं हैं और पार्टियों ने चुनावी वादों की झड़ी भी लगानी शुरू कर दी हैं लेकिन चुनावी जीत के बाद पार्टियां अपने वादों पर अमल नहीं करतीं। प्रजा फाउंजेशन की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। पिछले चुनावी वादे और मौजूदा स्थिति के आंकलन के बाद प्रजा फाउंडेशन ने पाया है कि पिछले 30 सालों से मुंबई महानगर पालिका पर काबिज शिवसेना उन समस्याओं को कुछ हद तक भी कम नहीं कर पाई जिसे उसने पूरी तरह सुलझाने का वादा किया था।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महानगर पालिका चुनाव से पहले शिवसेना ने मुंबई के लोगों से वादा किया था कि वह नई तकनीक और सामग्री की मदद से महानगर की सड़कों को गड्ढा मुक्त कर देगी लेकिन आंकड़ें बताते हैं कि मुंबई महानगर पालिका को साल 2017 से मार्च 2021 तक सड़कों पर गड्ढों को लेकर 17 हजार 908 शिकायतें मिलीं। यही नहीं भाजपा, राकांपा और कांग्रेस ने मुंबई में फेरीवालों के लिए विशेष क्षेत्र बनाने का वादा किया था लेकिन ऐसा हो नहीं पाया और 2017 से 2011 के बीच महानगर में अवैध फेरीवालों से जुड़ी 34 हजार 129 शिकायतें दर्ज की गईं।
इसी तरह राजनीतिक दलों ने मुंबई में 24 घंटे पानी सप्लाई का जो वादा किया था वह भी अमल से कोसों दूर है। राजनीतिक दल और नगरसेवक भी लोगों से जुड़े मुद्दों पर जोर देने में नाकाम रहे। उदाहरण के तौर पर महानगर में सबसे ज्यादा 75 हजार 915 शिकायतें सीवरेज और जल निकासी को लेकर की गईं लेकिन नगरसेवकों द्वारा इसे लेकर सिर्फ 136 सवाल पूछे गए जो कुल पूछे गए सवालों का सिर्फ 4 फीसदी है।
कचरे को लेकर 54 हजार शिकायतें
स्वच्छ भारत अभियान के बावजूद कचरे के निस्तारण के मामले में भी बीएमसी का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है और कचरे को लेकर लोगों ने 54 हजार 29 शिकायतें दर्ज कराईं हालांकि कचरे को लेकर भी राजनीतिक दलों की ओर से सिर्फ 287 सवाल पूछे गए। वहीं साल 2017 से 2021 तक नगरसेवकों ने जो 8934 सवाल पूछे उनमें से 1222 सड़क, चौक और इमारतों के नाम को लेकर थे। प्रजा फाउंडेशन के ट्रस्टी निताई मेहता के मुताबिक अब वक्त आ गया है कि राजनीतिक दल अपने चुनावी वादों को गंभीरता से लें और इस पर अमल करने की रणनीति तैयार करें जिसमें आम लोगों की भी भागीदारी हो और योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से समय पर पूरा किया जाए।