ढाई-ढाई साल के सीएम का फार्मूला मंजूर नहीं, गठबंधन में पड़ सकती है दरार !    

ढाई-ढाई साल के सीएम का फार्मूला मंजूर नहीं, गठबंधन में पड़ सकती है दरार !    

Tejinder Singh
Update: 2019-06-13 14:22 GMT
ढाई-ढाई साल के सीएम का फार्मूला मंजूर नहीं, गठबंधन में पड़ सकती है दरार !    

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यदी शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद के लिए दबाव बढ़ाया या फिर ढाई-ढाई साल के फार्मूले की जिद पकड़ी तो भाजपा चुनाव में अकेले जाने का फैसला कर सकती है। भाजपा को महाराष्ट्र की सियासी जमीन इस वक्त अपने अनुकूल लग रही है। पार्टी के अंदरूनी सर्वे में यह बात सामने आई है कि महाराष्ट्र के चुनावी समर में यदि अकेले उतरा जाए तो इस बार उसे बहुमत मिल सकता है। इसकी मुख्य वजह भाजपा की बढ़ी लोकप्रियता, राकांपा का कमजोर होना और कांग्रेस के कई बड़े चेहरों का भाजपा की तरफ आना है। यह भी एक तथ्य है कि शिवसेना के पास पाला बदलने का विकल्प भी नहीं है। दरअसल भाजपा महाराष्ट्र में फिलहाल बड़े भाई की भूमिका में है और वह नहीं चाहती कि आर्थिक व सियासी रूप से अहम इस राज्य में बड़े भाई वाली उसकी भूमिका छीन जाए। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि हालिया लोकसभा चुनाव में शिवसेना इसलिए 18 सीटें पा गई क्योंकि उसे भाजपा का साथ मिला, अन्यथा वह चार-पांच सीट में ही सिमट जाती। यही वजह है कि शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री पद पर लगातार हो रही बयानबाजी के बावजूद भाजपा नेतृत्व शिवसेना से बात करने की जल्दी में नहीं है।  

प्रदेश नेतृत्व को हर स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश 

भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश इकाई को हर स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। सूत्र बताते हैं कि यदि शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद पर ढाई-ढाई साल का फार्मूला थोपने की कोशिश की तो 2014 विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी दोनों दलों के रास्ते अलग-अलग हो जाएंगे। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव इसी वर्ष अक्टूबर-नवंबर में होने हैं। इसके मद्देनजर शिवसेना अभी से मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी जताने लगी है। सेना का दावा है कि भाजपा ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया है। लेकिन भाजपा नेतृत्व का कहना है कि ऐसा कोई वादा नहीं किया गया। 

कदम का यह दावा

उधर मुंबई में शिवसेना नेता व प्रदेश के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने दावा किया कि राज्य में भाजपा-शिवसेना की सरकार आने पर ढाई साल भाजपा और ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा। मातोश्री में आदित्य को जन्मदिन की बधाई देने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कदम ने कहा कि यदि मंत्रिमंडल विस्तार में शिवसेना को उपमुख्यमंत्री पद मिलता है तो वे आदित्य को दिया जाना चाहिए। इसके बाद आगामी विधानसभा चुनाव में ढाई साल शिवसेना को मुख्यमंत्री पद मिलने वाला है। यह मुख्यमंत्री पद भी आदित्य को दिया जाना चाहिए। कदम ने कहा कि हम मांग करते हैं कि आदित्य विधानसभा चुनाव लड़ें। वे विधानमंडल में आकर प्रदेश के किसानों को न्याय देने का काम करें। इसी बीच कदम ने इशारों –इशारों में शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि आदित्य ने कम आयु ही ऐसा काम किया है जिससे कि शिवसेना के बड़े-बड़े नेताओं को शर्म आ जाए। कदम ने कहा कि आदित्य कम उम्र में ही परिपक्व बन गए हैं। उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने और किसानों को न्याय देने की भूमिका अपनाई है।

शिवसेना मंत्री ने कहा कि आदित्य सीएम से पहले बनें डीसीएम

प्रदेश सरकार में मंत्री पद को लेकर शिवसेना के भीतर कलह की बाबत कदम ने कहा कि पार्टी के अंतर कोई मतभेद और कलह नहीं है। कदम ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। इस बारे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे बता सकते हैं। दूसरी ओर शिवसेना के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने कहा कि मैं जोशी हूं लेकिन ज्योतिषी नहीं हूं। आदित्य को विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। यदि वे मुख्यमंत्री बनते हैं तो मुझे खुशी होगी। इधर, शिवसेना के विधायक दल नेता व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एकनाथ शिंदे ने पार्टी के सभी विधायकों को आदित्य के जन्मदिन पर मातोश्री आने का निर्देश दिया था। सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव में शिवसेना आदित्य को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश करने की कवायद में जुटी है। 

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