स्वच्छता के लिए नई परिकल्पना बताओ, पुरस्कार पाओ,मनपा की अनोखी पहल

स्वच्छता के लिए नई परिकल्पना बताओ, पुरस्कार पाओ,मनपा की अनोखी पहल

Anita Peddulwar
Update: 2019-11-11 09:42 GMT
स्वच्छता के लिए नई परिकल्पना बताओ, पुरस्कार पाओ,मनपा की अनोखी पहल

डिजिटल  डेस्क, चंद्रपुर। देश के सभी शहरों के नागरिकों को स्वच्छ पर्यावरण व अच्छा स्वास्थ्य मिले, इसके लिए शहरों को स्वच्छता और शहर के सभी नागरिकों को शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराकर लक्ष्य पूर्ण करने केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया है। बढ़ते शहरीकरण से पर्यावरण प्रदूषण की जो समस्या निर्माण हुई है, उसमें घनकचरा एकत्रीकरण व उसका बंदोबस्त यह एक बड़ा खर्च और पर्यावरण की दृष्टि से महत्व की समस्या बनी है। जनसहयोग से इस समस्या का  हल निकालना समय की जरूरत है। इस दृष्टि से चंद्रपुर शहर महानगर पालिका ने नागरिकों के लिए एक स्वागतार्ह स्पर्धा चलाएगी। स्वच्छता व घनकचरा प्रबंधन करने संबंधी में शहर के नागरिकों से उनका एक अलग दृष्टिकोण वाली कल्पना मंगाई जाएगी, जिससे स्वच्छता रखना और घनकचरा प्रबंध करना आसान होगा। नागरिकों द्वारा  दिए ऐसे संकल्पनाओं को चंद्रपुर मनपा द्वारा विशेष 15,000 व 10,000 क्रमश: प्रथम व द्वितीय स्वरूप पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा शहर का कोई नागरिक, संस्था स्वच्छता व घनकचरा प्रबंधन संबंधी परिणामकारक उपक्रम खुद चला रहा होगा तो उन्हें भी इस योजना अंतर्गत 15 व 10 हजार रुपए प्रथम व द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। 

उल्लेखनीय है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 स्पर्धा के उपलक्ष्य में घनकचरा प्रबंधन में नागरिकों को शामिल करने के लिए चंद्रपुर शहर महानगर पालिका द्वारा विविध उपक्रम चलाए जा रहे हैं। कचरे पर प्रक्रिया के लिए कुछ कल्पना  कालबाहृय हुए हैं। जिससे नई नई तकनीक व कल्पनाओं को इसके लिए विचार करना आवश्यक है। कचरा विलगीकरण, सार्वजनिक स्थान पर कचरा न डालें इन विषयों पर नागरिकों में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। घनकचरा प्रबंधन में गीला व सूखा कचरा अलग करना तथा उसकी यातायात करने के साथ उस कचरे पर प्रक्रिया करना महत्वपूर्ण है। 
 
यह समस्या बनेगी आय का साधन
कचरे की गंभीर समस्या पर मनपा द्वारा अलग-अलग स्तर पर उपाय योजना किए जाते हैं। परंतु नागरिकों के सहयोग के बिना 100 प्रतिशत स्वच्छता कचरे का वर्गीकरण व उसपर प्रक्रिया करना संभव नहीं है। यह बात ध्यान में लेते हुए मनपा घनकचरा प्रबंधन में जनसहयोग को प्राथमिकता दे रही हैं। इस दृष्टि से इस स्पर्धा में नागरिकों ने बड़ी संख्या में शामिल होना आवश्यक है। ऐसा हुआ तो यह समस्या समस्या न रहते हुए पर्यावरण रक्षण के साथ आय का साधन बन सकती हंै। 

 

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