सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामला : एक और गवाह मुकरा,अब तक 48 बयान से पलटे

सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामला : एक और गवाह मुकरा,अब तक 48 बयान से पलटे

Tejinder Singh
Update: 2018-04-04 16:00 GMT
सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामला : एक और गवाह मुकरा,अब तक 48 बयान से पलटे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सोहराबुद्दीन मुठभेड मामले में बुधवार को CBI की कोर्ट में एक  और गवाह अपने बयान से मुकर गया। इस तरह से इस मामले में मुकरनेवाले गवाहों की संख्या 48 पहुंच गई है। बुधवार को जो गवाह अपने बयान से मुकरा है,वह उदयपुर का एक होटल व्यावसायी है। गवाह ने अदालत में कहा कि वह किसी अब्दुल रहमान नाम के पुलिस अधिकारी को नहीं जानता। उसने पुलिस के सामने कोई बयान नहीं दिया था।

होटल कारोबारी ने कहा कि उसने CBI को कोई बयान नहीं दिया था। CBI के पास उसके नाम का जो बयान है वह उसे कभी पढकर नहीं सुनाया गया। गवाह की इन बातों को सुनने के बाद CBI के वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि इस गवाह को मुकरा हुआ गवाह घोषित किया जाए। CBI के वकील के इस आग्रह को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने गवाह को मुकरा हुआ घोषित कर दिया। 

इसके पहले हुआ यह 
इससे पहले अदालत में सुनवाई के दौरान दो और गवाहों मुकर गए। इस तरह इस केस में मुकर जाने वाले गवाहों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है। अभियोजन पक्ष के दो गवाहों मोहम्मद नईमुद्दीन और शिल्पन सिंह से CBI ने विशेष न्यायाधीश एस जे शर्मा के समक्ष जिरह की। अदालत के सामने नईमुद्दीन और शिल्पन अपने पहले के दिए बयानों से मुकर गए। इस मामले में अब तक 65 गवाहों से जिरह की जा चुकी है। बता दें कि मोहम्मद नइमुद्दी हैदराबाद में एक निजी बस सेवा का कर्मचारी था।

नैमुद्दीन ने दावा किया था 22 नवंबर, 2005 की सुबह हैदराबाद से एक महिला सहित पांच यात्री उसकी बस में बैठे थे। सोहराबुद्दीन शेख भी बस में ही बैठा था, जिसे गुजरात पुलिस की एक टीम ने गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद उनके एनकाउंटर की खबर आई। CBI को दिए गए अपने बयान में शिल्प सिंह ने कहा कि जब आरोपी के हस्ताक्षर हुए तो वो वहीं मौजूद थे, लेकिन बुधवार को शिल्पन सिंह ने कहा कि वो वहां मौजूद ही नहीं थे। 

नईमुद्दीन बोला मैं टिकट बुकिंग कर रहा था 
मुंबई की एक अदालत ने 26 नवंबर, 2005 को गांधीनगर के पास हुए कथित एनकाउंटर के संबंध में भारतीय दंड संहिता के तहत पुलिस अधिकारियों सहित, 22 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या, अपहरण और सबूतों को नष्ट करने के लिए आरोप लगाए थे। कोर्ट में नईमुद्दीन ने अपना बयान बजलते हुए कहा कि वह घटना के दौरान यात्रियों की टिकट बुकिंग में लगे हुए थे, वहीं दूसरे गवाह शिल्पन सिंह का कहना था कि उन्होंने सोहराबुद्दीन को नहीं देखा था।

Similar News