ग्रामीण इलाकों में घर बनाने आईआईटी, रिलायंस व हुडको के साथ राज्य सरकार ने की साझेदारी 

ग्रामीण इलाकों में घर बनाने आईआईटी, रिलायंस व हुडको के साथ राज्य सरकार ने की साझेदारी 

Tejinder Singh
Update: 2021-02-23 15:03 GMT
ग्रामीण इलाकों में घर बनाने आईआईटी, रिलायंस व हुडको के साथ राज्य सरकार ने की साझेदारी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के ग्रामीण इलाकों में लागू घरकुल योजना को गति देने के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने आईआईटी मुंबई, रिलायंस फाउंडेशन और हुडको के साथ साझेदारी का फैसला किया है। ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य की भौगोलिक स्थिति के मुताबिक घरों की डिजाइन (संरचना) तैयार करने, कम खर्च में अच्छे घरों के निर्माण की तकनीक विकसित करने के लिए इन संस्थाओं की मदद ली जाएगी। आईआईटी बांबे भी ऐसे घरों की संरचना विकसित करने में मदद करेगा जो नैसर्गिक आपदा का सामना कर सकें। 

मंत्री ने कहा कि आईआईटी के विद्यार्थियों को इंटर्नशिप योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में गृहनिर्माण से जोड़ा जाएगा। साथ ही ग्रामीण इलाकों में गृहनिर्माण में तैनात अभियंताओं को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।  हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन यानी हुडको से भी तकनीकी और सीएसआर आदि के जरिए आर्थिक मदद ली जाएगी। बड़े गांवों में बहुमंजिली इमारत और हाउसिंग कॉलोनी के आसपास मूलभूत सुविधाओं के निर्माण में भी हुडको की मदद ली जाएगी। घरकुल से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की जानकारी संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों और लाभार्थियों तक ऑडियो वीडियो के जरिए पहुंचाने में रिलायंस फाउंडेशन मदद करेगा। घरकुल योजना की जानकारी देने के लिए हेल्पलाइन भी तैयार की जाएगी। मुश्रीफ ने उम्मीद जताई कि सभी के सहयोग से जल्द ही ग्रामीण इलाकों में घर बनाने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।  

महाआवास अभियान की अवधी 31 मार्च तक बढ़ी 

मुश्रीफ ने बताया कि राज्य में 1 अप्रैल 2020 से अब तक विभिन्न ग्रामीण गृहनिर्माण योजना के तहत 3 लाख 37 हजार 978 लाभार्थियों को घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इनमें से 2 लाख 98 हजार 97 घर तैयार हो चुके हैं जबकि बाकी घर 31 मार्च तक तैयार कर जीरो मिशन शुरू करने का फैसला किया गया है। इसके लिए महाआवास अभियान को 31 मार्च 2021 तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। मुश्रीफ ने कहा कि जगह उपलब्ध न होने के चलते 74 हजार 373 पात्र लाभार्थियों के घर नहीं बनाए जा सके। उन्हें जमीन उपलब्ध कराने के लिए राजस्व मंत्री से बातचीत की जा रही है। 

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