43 साल बाद पट्टे की जमीन को सरकार के नाम पर दर्ज करने पर यथास्थिति
43 साल बाद पट्टे की जमीन को सरकार के नाम पर दर्ज करने पर यथास्थिति
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस सुजय पॉल की एकल पीठ ने उमरिया जिले के ग्राम देवगवाँ में 43 साल पुरानी पट्टे की जमीन को सरकार के नाम पर दर्ज करने पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। एकल पीठ ने शहडोल कमिश्नर और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। यह याचिका ग्राम देवगवाँ उमरिया निवासी देवकी बाई और अन्य की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि तहसीलदार सुहागपुर ने वर्ष 1975-76 में याचिकाकर्ताओं को जमीन पट्टे पर दी थी। 43 साल बाद कमिश्नर शहडोल ने 15 मार्च 2018 को बिना नोटिस जारी किए याचिकाकर्ताओं के पट्टे को निरस्त कर जमीन को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करने का आदेश दिया। अधिवक्ता केके पांडेय, कौशलेश पांडेय और आरती द्विवेदी ने तर्क दिया कि सुनवाई का अवसर दिए बिना याचिकाकर्ताओं की जमीन का पट्टा निरस्त कर दिया गया है। 43 साल बाद जमीन के पट्टे को निरस्त नहीं किया जा सकता है। मामले में यथास्थिति का आदेश जारी किया गया है।