महाराष्ट्र के अस्पतालों में लगी आग तो संचालक होंगे जिम्मेदार

सुरक्षा को लेकर सरकार सख्त महाराष्ट्र के अस्पतालों में लगी आग तो संचालक होंगे जिम्मेदार

Tejinder Singh
Update: 2021-08-27 14:58 GMT
महाराष्ट्र के अस्पतालों में लगी आग तो संचालक होंगे जिम्मेदार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने सरकारी व निजी अस्पतालों और सार्वजनिक इमारतों में शॉर्ट सर्किट व अन्य विद्युत खामियों के कारण आग की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए प्रतिबंधात्मक उपाय करने के संबंध में दिशानिर्देश जारी किया है। शुक्रवार को राज्य के ऊर्जा विभाग ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया है। इसके अनुसार शॉर्ट सर्किट अथवा अन्य विद्युत कारणों से आग लगने के कारण संभावित जीवित व वित्त हानि न होने की जिम्मेदारी अस्पताल संचावक जिम्मेदार होंगे।

सार्वजनिक इमारतों और अस्पतालों में अखंडित बिजली आपूर्ति कायम रखने के लिए अस्पताल प्रशासन और विद्युत आपूर्तिकर्ता कंपनी की सामूहिक जिम्मेदारी होगी। कोरोना महामारी के दौरान भंडारा, नागपुर, मुंबई, पालघर समेत अन्य जिलों के अस्पतालों में आग की अलग-अलग घटनाओं में कई लोगों की मौत हुई थी। इसके मद्देनजर सरकार ने अस्पतालों में आग की घटनाओं को रोकने और इमारतों में लिफ्ट से होने वाले हादसों के नियंत्रण के लिए विभिन्न उपायों को लागू करने के निर्देश दिए हैं। 

ऊर्जा विभाग ने केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के प्रावधानों को लागू करने का कहा है। सरकार ने बिजली कंपनियों और ग्राहकों की जिम्मेदारी और कर्तव्यों तय किए हैं। इमारतों का मीटर रूम सीढ़ियों और बेसमेंट में नहीं होना चाहिए। मीटर रूम के पास किसी भी प्रकार की ज्वलंत सामग्री का भंडारण न करने को कहा गया है।  बिजली कंपनियों को उच्चदाब और मध्यमदाब फिडर्स की नियमित पेट्रोलिंग करने, आईएस मानक के अनुसार बिजली आपूर्ति केबल जोड़ने, प्रत्येक अस्पताल के लिए मंजूर बिजली भार के अनुरूप केवल एक बिजली मीटर की व्यवस्था करने समेत कई उपाय सुझाएं हैं।  

लाइसेंस के बिना नहीं किया जा सकेगा लिफ्ट का उपयोग 

वहीं इमारतों में लिफ्ट के उपयोग के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। लाइसेंस के बिना लिफ्ट का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। लिफ्ट की वार्षिक देखभाल और मरम्मत काम लाइसेंस धारक ठेकेदार के माध्यम से कराना अनिवार्य होगा। लिफ्ट में ठेकेदार का नाम और फोन नबंर का बोर्ड लगाना होगा। लिफ्ट में इमरजेंसी अलार्म बेल, पंखा, लाइट और बैटरीबैक अप की व्यवस्था करनी होगी। लिफ्ट में 13 साल से कम आयु वाले बच्चों को अकेले जाने की अनुमति न देने को कहा गया है। लिफ्ट में स्वयंचलित दरवाजे के लिए सेंसर की व्यवस्था करना होगा। लिफ्ट में सीसीटीवी की व्यवस्था और ओवरलोड मशीन लगाना अनिवार्य किया गया है। लिफ्ट की छत पर पानी की टंकी और मोबाइल टावर नहीं लगाया जा सकेगा। 


 

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