आरोपी फरार होने के बढ़ते मामले देख जमानत हासिल करने लगाई गई शर्तें

आरोपी फरार होने के बढ़ते मामले देख जमानत हासिल करने लगाई गई शर्तें

Tejinder Singh
Update: 2020-02-02 07:05 GMT
आरोपी फरार होने के बढ़ते मामले देख जमानत हासिल करने लगाई गई शर्तें

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जमानत मिलने के बाद फरार होनेवाले आरोपी की बढती संख्या को ध्यान में रखते हुए बांबे हाईकोर्ट ने आरोपियों के जमानत हासिल करने के लिए लगाई गई शर्तों को सही माना है। हाईकोर्ट ने जुलाई 2010 में अधिसूचना जारी कर साफ किया था कि जमानत के लिए आरोपी को अपने तीन रक्तसंबंधी रिश्तेदारों की जानकारी देनी होगी। इनके घर व कार्यालय का भी पता देना होगा। जमानत आवेदन के साथ इनमें से किसी भी दो दस्तावेजों के झेराक्स की प्रति लगना अनिवार्य होगा। जिसमें पासपोर्ट,पैनकार्ड,मतदाता पहचानपत्र, बैंकपासबुक, क्रेडिट कार्ड,बिजली बिल, राशन कार्ड,लैंडलाइन टेलिफोन का बिल व संपत्ति कर से जड़े दस्तावेज का समावेश होगा। संबंधित पुलिस स्टेशन के अधिकारी को आरोपी की ओर से लगाए गए दस्तावेज का सत्यापन कर इसका प्रमाणपत्र देना जरुरी होगा। जमानत हासिल करने के लिए लगाई गई इन शर्तों को अव्यावहारिक मानते हुए पेशे से वकील अंजलि वाघमारे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इससे पहले हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने कोर्ट की ओर से जारी की गई इस अधिसूचना पर रोक लगा दी थी। लेकिन जब यह याचिका न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति सुरेंद्र तावड़े की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी तो खंडपीठ ने कहा कि जमानत प्राप्त करने के लिए लगाई गई शर्ते क्यों अव्यावहारिक है। इसे लेकर न तो कोई प्रमाण दिया गया है और न ही कोई अकड़े। याचिका हमें पूरी तरह से आधारहीन नजर आ रही है। खंडपीठ ने कहा कि जमानत मिलने के बाद आरोपियों के फरार होने की बढती संख्या के मद्देनजर जमानत के लिए शर्ते लगाई गई है। यह कहते हुए खंडपीठ ने हाईकोर्ट की अधिसूचना के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया।  

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