सनातन संस्था : ATS की चार्जशीट में खुलासा- हिंदू राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार किया था आतंकी गिरोह

सनातन संस्था : ATS की चार्जशीट में खुलासा- हिंदू राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार किया था आतंकी गिरोह

Tejinder Singh
Update: 2018-12-05 14:30 GMT
सनातन संस्था : ATS की चार्जशीट में खुलासा- हिंदू राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार किया था आतंकी गिरोह

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सनातन संस्था, हिंदू जनजागृति समिति और इसी तरह के संगठनों से जुड़े लोगों ने सनातन संस्था की किताब ‘शास्त्र धर्म साधना’ से प्रेरित होकर हिंदू राष्ट्र के निर्माण के लिए एकजुट होकर आतंकी गिरोह तैयार किया था। हिंदू धर्म, रुढ़ियों और प्रथाओं के खिलाफ बयान देने वालों की हत्या के लिए उनकी निगरानी की गई थी। साजिश अंजाम देने के लिए 23 देसी बम, 15 पिस्तौल समेत कई हथियार जमा किए गए थे। नालासोपारा विस्फोटक बरामदगी मामले में सत्र न्यायालय में दायर आरोपपत्र में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने यह दावा किया है। 

छह हजार पन्नो के आरोपपत्र में यह लिखा

छह हजार पन्नो के आरोपपत्र में एटीएस ने बताया है कि इसी साल 7 अगस्त को पुलिस इंस्पेक्टर विश्वासराव को जानकारी मिली कि पुणे, सातारा, सोलापुर और नालासोपारा में रहने वाले कुछ लोग मुंबई और पुणे में आतंकी हमले की साजिश रच रहे हैं। इसके बाद नालासोपारा में रहने वाले वैभव राऊत, शरद कलसकर और पुणे के सुधन्वा गोंधलेकर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। राऊत और कलसकर के घर की तलाशी के दौरान कलसकर के घर हाथ से बम बनाने का तरीका लिखी दो चिट्ठियां मिली जबकि राऊत के घर 20 जिंदा देसी बम, 2 जिलेटिन छड़ें, 4 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर्स, 22 नॉन इलेक्ट्रिक डेटोनेटर्स, सेफ्टी फ्यूज वायर, 2 पूरे 1 अधूरा पीसीबी सर्किट, 6 बैटरी कनेक्टर, 6 ट्रांजिस्टर्स, चार रिले स्विच, जहर की एक-एक लीटर की दो बोतलों समेंत कई सामान बरामद किए गए।

तीनों आरोपियों से पूछताछ में साफ हुआ कि बरामद सामान आतंकी हमलों के लिए इकठ्ठा किया गया था। तीनों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने जांच आगे बढ़ाई और छह और लोगों को मामले में गिरफ्तार कर लिया। मामले में अमोल काले समेत तीन और आरोपियों की तलाश जारी है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, गैरकानून गतिविधि रोकथाम कानून, और आर्म्स एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किया गया है। 

बचने के लिए कोडवर्ड और सिमकार्ड की चालाकी 

एटीएस के मुताबिक आरोपियों ने हमले को अंजाम देने के लिए जिन जगहों पर प्रशिक्षण लिया उनकी पहचान कर ली गई है। इससे जुड़ी डायरी बरामद की गई है जिसमें हमले की जगहों और प्रशिक्षण से जुड़ी जानकारी कोड भाषा में दर्ज हैं लेकिन आरोपियों ने पूछताछ में कोड का खुलासा कर दिया है। इसके अलावा आरोपियों ने साजिश के दौरान अपने मोबाइल बंद रखे और संपर्क के लिए किसी और के नाम पर लिए गए सिमकार्ड दूसरों के मोबाइल में इस्तेमाल किए।    

इसलिए नहीं किया सनबर्न फेस्टिवल पर हमला 

आरोप पत्र में दावा किया गया है दिसंबर 2017 में पुणे में आयोजित होने वाले पश्चिमी संगीत के कार्यक्रम सनबर्न पर हमला करने के लिए आरोपियों ने पूरी तैयारी कर ली थी। इसके लिए देसी बम, पेट्रोल बम, बंदूक और पथराव के जरिए हमला कर लोगों में दहशत फैलाने की साजिश रची गई थी। आयोजन स्थल की निगरानी भी कर ली गई थी लेकिन ऐन मौके पर आरोपियों ने हमले की साजिश को अंजाम नहीं दिया क्योंकि उन्हें शक हो गया कि निगरानी के दौरान उनका चेहराल एक साथ सीसीटीवी की कैद में आ गया है। 

मामले में गिरफ्तार आरोपी

शरद कलसकर, वैभव राऊत, सुधन्वा गोंधलेकर, श्रीकांत पांगरकर, अविनाश पवार, लीलाधर लोधी, वासुदेन सूर्यवंशी, सुजीत कुमार, भारत कुरणे

फरार आरोपी

अमोल काले, अमित बड्डी, दशरथ मिसकीन

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