नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में बैच नंबर कंपनी का नहीं

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में बैच नंबर कंपनी का नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-07 09:24 GMT
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में बैच नंबर कंपनी का नहीं

सिटी अस्पताल में भेजे गए इंजेक्शनों को लेकर कंपनी ने किया खुलासा, गुजरात पुलिस को दी गई जानकारी 
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
सिटी अस्पताल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खपाए जाने के मामले में अब रेमडेसिविर बनाने वाली हैदराबाद की नामी कंपनी माईलोन ने गुजरात पुलिस को दी गई जानकारी में  इस बात का खुलासा किया है कि नकली इंजेक्शन की शीशियों में जो बैच नंबर है उस बैच नंबर का उपयोग कंपनी द्वारा नहीं किया गया है, न ही उस बैच नंबर पर कोई इंजेक्शन जबलपुर भेजा गया है। गुजरात पुलिस ने इस जानकारी से जबलपुर पुलिस को अवगत कराया है। इस संबंध में एसआईटी प्रभारी एएसपी रोहित काशवानी ने बताया कि नकली रेमडेसिविर मामले में गुजरात, इंदौर और जबलपुर में अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। इस मामले को लेकर गुजरात पुलिस द्वारा नकली रेमडेसिविर मामले में इंजेक्शन बनाने वाली माईलोन कंपनी को पत्र लिखकर बैच नंबर आदि की जानकारी माँगी गई थी। उक्त पत्र के जवाब में कंपनी द्वारा गुजरात पुलिस को अवगत कराया गया है कि पकड़े गए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों की शीशियों में जो बैच नंबर दिए गए हैं उन बैच नंबरों का उपयोग कंपनी द्वारा किया ही नहीं गया है, न ही कंपनी द्वारा उक्त बैच नंबर के इंजेक्शन किसी भी एजेंट के माध्यम से जबलपुर भेजे गए हैं। 
मरीजों के बिलों की छानबीन 
नकली इंजेक्शन मामले की जाँच में जुटी एसआईटी द्वारा सिटी अस्पताल में भर्ती हुए कोरोना पीडि़त मरीजों के बिलों की जाँच की जा रही है। जानकारों के अनुसार जाँच में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि सिटी अस्पताल में पहुँचाए गए कुल 465 इंजेक्शनों में 209 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की डोज 171 मरीजों को दी गई थी। बाकी इंंजेक्शन नष्ट कर दिए गए थे। 
कोर्ट में 10 जून को होंगे पेश 
एसआईटी द्वारा इस मामले में भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन, रीवा निवासी सुनील मिश्रा व कौशल वोरा के प्रोडक्शन वारंट के लिए कोर्ट में आवेदन किया गया था। कोर्ट ने वारंट जारी किया है और तीनों को 10 जून को कोर्ट में पेश किया जाना है। 
रेमडेसिविर की कालाबाजारी 
सिटी अस्पताल में रेमडेसिविर की कालाबाजारी किए जाने की शिकायत एड. अभिषेक श्रीवास्तव द्वारा की गई है। शिकायत में बताया गया कि उनकी बुआ को कोरोना संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहाँ पर 18 हजार 4 सौ रुपए प्रति नग के हिसाब से 8 इंजेक्शन का पैसा लिया गया था, लेकिन बिल नहीं दिया गया। पुलिस द्वारा शिकायत की जाँच की जा रही है।

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