80-90 के दशक में युवा दिलों की धड़कन बन चुका था बॉलीवुड का ये सितारा, देखिए टॉप फाइव सान्ग

80-90 के दशक में युवा दिलों की धड़कन बन चुका था बॉलीवुड का ये सितारा, देखिए टॉप फाइव सान्ग

Tejinder Singh
Update: 2020-04-30 06:43 GMT
80-90 के दशक में युवा दिलों की धड़कन बन चुका था बॉलीवुड का ये सितारा, देखिए टॉप फाइव सान्ग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 80-90 के दशक में जब बॉलिवुड एक्टर ऋषि कपूर का फिल्मी करियर पूरे शबाब पर था, उस वक्त रेडियों और दूरदर्शन पर उनकी फिल्मों के गीत छाए रहते थे, हालांकि यही भारत में सिल्वर स्क्रीन का शुरुआती दौर भी था। रेडियो के बाद जब देश में दूरदर्शन का विस्तार हो रहा था, उन दिनों सिल्वर स्क्रीन के माध्यम से बॉलीवुड बड़े पर्दे से बाहर निकलकर छोटे पर्दे में अपनी पैंठ बना रहा था। फिल्मी गीतों से सजे धारावाहिक चित्रहार और रंगोली में ऋषि कपूर की फिल्मों के गीतों का जलवा बिखर रहा था।

साल 1980 में ऋषि कपूर की फिल्म "कर्ज" का गाना ओम शांती ओम खासा लोकप्रिय हुआ था

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इसके अगले साल ही 1981 में रिलीज हुई थी, फिल्म "जमाने को दिखाना है"। इस फिल्म का एक गीत जबरदस्त हिट हुआ। जिसके बोल हैं- होगा तुमरे प्यारा कौन...ऋषि कपूर अपने जमाने के चॉकलेटी हीरोज में एक थे।

 

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साल 1982 में प्रेम रोग फिल्म में “मेरी किस्मत में तू नहीं शायद” लोगों को बेहद पसंद आया।

 

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इसके बाद 1989 में रिलीज हुई "चांदनी" फिल्म का गीत "चांदनी ओ मेरी चांदनी" में भी अदाकारा श्रीदेवी के साथ उनका अभिनय कमाल था।

 

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लगातार कई फिल्में करने के बाद साल 1992 में आई उनकी फिल्म दीवाना का गीत युवा दिलों के सिर चढ़कर बोल रहा था। जो एक बेहतरीन अदाकारा दिव्या भारती के साथ फिल्माया गया था, - तेरी उम्मीद, तेरा इंतजार करते हैं... 

 

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साल 1996 में रिलीज हुई प्रेम ग्रंथ में भी उनका अभिनय जबरदस्त था, फिल्म का गीत हिट रहा, दिल देने की ऋतु आई...

 

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