गणेशोत्सव में होगा इस बार महाअवयवदान महोत्सव, सरकार ने की तैयारी

गणेशोत्सव में होगा इस बार महाअवयवदान महोत्सव, सरकार ने की तैयारी

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-04 06:05 GMT
गणेशोत्सव में होगा इस बार महाअवयवदान महोत्सव, सरकार ने की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। समय पर अंग नहीं मिलने से मरीजों की हो रही मौत के मामले पर सरकार गंभीर है। सरकार ने विशेष महा अवयवदान महोत्सव मनाने का निर्णय लिया है। हाल ही में इस संबंध में परिपत्रक जारी किया है। अंगदान को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कई भ्रांतियां हैं। लिहाजा सरकार ने ग्राम पंचायत स्तर पर अंगदान जागरुकता अभियान को विशेष प्राथमिकता के साथ पूरा करने का निर्णय लिया है। नगरपरिषद व महानगरपालिका क्षेत्र में यह अभियान चलाया जाएगा। विशेषकर गणेश उत्सव के दौरान विविध स्थानाें पर अंगदान पर आधारित प्रदर्शनियां होगी। स्कूल, कालेज व विविध संस्थाओं के माध्यम से भी अंगदान जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। 25 व 26 सितंबर को महा जागरुकता अभियान के तहत विविध कार्यक्रम होंगे।

ब्रेन डेड होने पर भी कर सकते हैं दान
महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के सदस्य डॉ.विक्की रुघवानी के अनुसार, अंगदान को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार के साथ ही समाज को आगे आना जरुरी है। अन्य देशों में पहले से अंगदान के प्रति जागरुकता है, लेकिन भारत में रीति रिवाजों की बाधा रही है। अब अंगदान के प्रति जागरुकता बढ़ रही है। लोगों को यह जानकारी भी होना चाहिए कि ब्रेन डेड होने पर भी अंगदान किया जा सकता है। सार्वजनिक उत्सवों के दौरान जागरुकता कार्यक्रमों में सभी का सहयोग आवश्यक है। 

और यह भी
- स्कूलों में अंगदान के संबंध में रंगोली स्पर्धा, निबंध व वक्तृव्य स्पर्धा, व्याख्यान का आयोजन होगा। 
- शहर व ग्रामीण में पुलिस थानों में शांतता कमेटी की बैठक में इस संबंध में जागरुकता कार्यक्रमों पर चर्चा होगी। 
- गणेश उत्सव के कार्यक्रमों में अंगदान जागरुकता अभियान की जिम्मेदारी सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग संभालेगा। 

ऐसी है योजना 
- अंगदान जागरुकता कार्यक्रम के लिए विविध विभागों में समन्वय विषयक समिति गठित होगी। विभाग समिति के अध्यक्ष विभागीय राजस्व आयुक्त होंगे। 
- 10 सितंबर को जिला समिति के साथ वीडियो कांफ्रेंस से जिला स्तर पर महा अंगदान की जानकारी दी जाएगी। 
- 16 सितंबर को व्यापक कार्यक्रम का नियोजन होगा। 
- 25 सितंबर को राज्य भर में ग्राम पंचायतों की विशेष ग्रामसभा होगी। अंगदान के प्रचार का प्रस्ताव व प्रतिज्ञा ली जाएगी। 
- 26 सितंबर को घरों के सामने अंगदान जागरुकता संबंधी रंगोली उकेरी जाएगी। 

अंगदान को लेकर ऐसे हैं मिथक
मिथक
- अंगदान शरीर को बेडौल कर देता है। 
हकीकत- अक्सर लोगों को लगता है कि अंगदान करने से शरीर बिगड़ जाता है। यह सही नही हैं, क्योंकि यह नियमित रूप से होने वाली सर्जरी की तरह होता है और अंगों को इसी तरह से हटाया जाता है। अंगों को हटाने की प्रक्रिया गरिमा व सम्मान के साथ पूरी की जाती है और सर्जरी के निशान को अच्छे से कवर किया जाता है। 

मिथक - किसी भी बीमारी में अंगदान नहीं किया जा सकता। 
हकीकत- ऐसा नहीं है, सिर्फ कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं , जिनसे ग्रसित होने पर आप अंगदान नहीं कर सकते। आपको सिर्फ कुछ चिकित्सा मानदंडों को पूरा करने की जरूरत होती है। अगर उन चिकित्सा शर्तों को पूरा कर देते हैं तो आप अंगदान कर सकते हैं। कभी-कभी कुछ अंग प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त नहीं होते, लेकिन अन्य अंगों का दान किया जा सकता है। 

मिथक -सिर्फ परिवार के सदस्य को ही किडनी दी जा सकती है। 
हकीकत- ऐसा पहले हुआ करता था कि किडनी केवल एक ही परिवार के सदस्य को दी जा सकती है। अब परिवार के दूर के सदस्य, दोस्त या अजनबी को भी किडनी दे सकते हैं। हालांकि, लिविंग डोनर होने के नाते किडनी देने से पहले आपको व्यापक पूछताछ से गुजरना होता है। 

मिथक -ज्यादा उम्र के लोग अंगदान नहीं कर सकते। 
हकीकत- प्रचलित धारणा के विपरीत बुजुर्ग भी अच्छे अंगदाता हो सकते हैं। उम्र केवल एक नंबर है। अगर आप चिकित्सा की शर्तें पूरी करते हैं तो आप अंगदान कर सकते हैं। 

मिथक -18 साल से कम उम्र के लोग अंगदान नहीं कर सकते। 
हकीकत- अधिकतर देशों में अंगदान की कानूनी उम्र 18 साल से ऊपर होती है। हालांकि किसी भी उम्र का व्यक्ति अंगदान कर सकता है। अगर अंगदान करने वाला 18 साल से कम उम्र का है तो उसके मां-बाप की सहमति लेना जरूरी होता है। 

मिथक - आप या आपके परिवार के सदस्य अंगदान के लिए शुल्क ले सकते हैं। 
हकीकत- अंगदान एक महान कार्य है। आप या आपके परिवार के सदस्य अंगदान के लिए शुल्क नहीं ले सकते। यहां तक कि अंग हटाने के लिए लागत ज्यादातर मामलों में प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता द्वारा ही वहन की जाती है। 

मिथक - प्राप्तकर्ता को डोनर के बारे में जानकारी होनी चाहिए 
हकीकत- जिस प्रकार रोगी की गोपनीयता डोनर परिवार और प्राप्तकर्ता दोनों के लिए बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। उसी तरह डोनर के बारे में भी कोई जानकारी डोनर की सहमति से ही प्राप्तकर्ता को बताई जा सकती है। 

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