सीबीआई ऑफीसर बनकर मैनेजर से मांगी रिश्वत, एनसीएल के ड्रायवर समेत तीन आरोपियों को सजा

सीबीआई ऑफीसर बनकर मैनेजर से मांगी रिश्वत, एनसीएल के ड्रायवर समेत तीन आरोपियों को सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-30 08:20 GMT
सीबीआई ऑफीसर बनकर मैनेजर से मांगी रिश्वत, एनसीएल के ड्रायवर समेत तीन आरोपियों को सजा

डिजिटल डेस्क जबलपुर । सीबीआई ऑफीसर बनकर एक सीनियर मैनेजर से 2 लाख रुपए की रिश्वत मांगने वाले एनसीएल सिंगरौली के एक ड्रायवर समेत तीन को सीबीआई की विशेष अदालत ने तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। आरोपियों में ड्रायवर के अलावा उसका पुत्र और पुत्र का दोस्त शामिल है। विशेष न्यायाधीश एसके चौबे की अदालत ने आरोपी ड्रायवर माबूद हुसैन पर कुल 52 हजार रुपए और उसके पुत्र रिजवान अहमद व उसके दोस्त प्रकाश पटेल पर दो-दो हजार रुपए का जुर्माना भी दायर किया है।
अभियोजन के अनुसार नार्दन कोलफील्डस लिमिटेड सिंगरौली में सीनियर मैनेजर के पद पर पदस्थ प्रकाश यादव के खिलाफ एक मामला सीबीआई जबलपुर में लंबित था। वर्ष 2014 में आरोपी माबूद हुसैन ने अपने बेटे रिजवान अहमद तथा उसके दोस्त प्रकाश पटैल से साथ साजिश रची और फिर सीनियर मैनेजर प्रकाश यादव को सीबीआई अधिकारी बनकर फोन किया। फोन पर सीबीआई में लंबित प्रकरण को निपटाने के लिए तीनों आरोपियों ने सीनियर मैनेजर से पांच लाख रूपये मांगे और अंत में बात दो लाख रूपये में तय हुई। मामला संदिग्ध पाए जाने पर सीनियर मैनेजर ने उसकी शिकायत सीबीआई से की थी। सीबीआई ने निर्धारित रणनीति के तहत तीनों आरोपियों को 18 अगस्त 2014 को फर्जी अधिकारी सीबीआई अधिकारी बनकर प्रारंभिक किश्त के रूप में पचास हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। सीबीआई द्वारा पेश किए गए चालान पर सुनवाई के बाद विशेष न्यायालय ने तीनों आरोपियों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रतीश जैन ने पैरवी की।
 

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