स्वाइन फ्लू से आरक्षक सहित दो की मौत, नागपुर में इलाज के दौरान तोड़ा दम

स्वाइन फ्लू से आरक्षक सहित दो की मौत, नागपुर में इलाज के दौरान तोड़ा दम

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-01 14:39 GMT
स्वाइन फ्लू से आरक्षक सहित दो की मौत, नागपुर में इलाज के दौरान तोड़ा दम

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मौसम में बदलाव के साथ हवाओं में घुले स्वाइन फ्लू फैलाने वाले वायरस एच-1 एन-1 ने दो लोगों को अपनी चपेट में ले लिया, जिनकी नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतकों में एक पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर पदस्थ था। वहीं दूसरा मृतक मोहखेड़ के ग्राम जाम का रहने वाला था।  इसके पहले 9 जनवरी को रेलवे कॉलोनी की एक महिला की स्वाइन फ्लू की वजह से मौत हो चुकी है। स्वाइन फ्लू से इस साल जिले में यह तीसरी मौत है।

वहीं दूसरी ओर स्वाइन फ्लू से निपटने स्वास्थ्य विभाग लापरवाह है। जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू की जांच के लिए कोई बेहतर इंतजाम नहीं है। अस्पताल में बीते सोमवार को परासिया रोड स्थित एक महिला को स्वाइन फ्लू संदेहास्पद मानकर ट्रामा यूनिट के जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया गया था। बाद मेें प्रबंधन ने बच्चा वार्ड के समीप आईसोलेशन यूनिट बना दी है।  

सोनीपथ से लौटने के बाद बीमार
पुलिस लाइन में रहने वाले आरक्षक की स्वाइन फ्लू की वजह से गुरुवार की देर रात मौत हो गई। बताया जा रहा है कि वह हरियाणा के सोनीपथ में शादी समारोह में शामिल होकर बीती 22 फरवरी को लौटे थे तभी से उनका स्वास्थ्य खराब था। निजी अस्पताल में इलाज के बाद 25 फरवरी को उन्हें चिकित्सकों ने नागपुर रेफर कर दिया था। नागपुर में 28 फरवरी की रात उनकी मौत हो गई। शुक्रवार सुबह स्थानीय मोक्षधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

मोहखेड़ के जाम में दूसरी मौत
मोहखेड़ के ग्राम जाम में रहने वाले एक शख्स की स्वाइन फ्लू की वजह से शुक्रवार दोपहर मौत हो गई। बताया जा रहा है कि जाम निवासी 55 वर्षीय शख्स पिछले दस दिनों से बीमार थे। हालत गंभीर होने पर परिजनों ने उन्हें नागपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान शुक्रवार दोपहर उनकी मौत हो गई।

स्वाइन फ्लू एक फैलने वाली बीमारी है। इस बीमारी से ग्रसित मरीज को आईसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाता है। जिसके लिए अस्पताल में पहले तो वार्ड ही नहीं था। जैसे-तैसे वार्ड बनाया गया तो उसमें गंदगी का आलम बना हुआ है। खानापूर्ति कर वार्ड में दो पलंग रखे गए हैं। यहां न तो ऑक्सीजन की व्यवस्था है और न ही इलाज की कोई अन्य व्यवस्था बनाई गई है।

 

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