लाइन बिछाते समय करंट की चपेट में आए दो मजदूरों की मौत, एक घायल

लाइन बिछाते समय करंट की चपेट में आए दो मजदूरों की मौत, एक घायल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-20 07:50 GMT
लाइन बिछाते समय करंट की चपेट में आए दो मजदूरों की मौत, एक घायल

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मुख्यमंत्री स्थाई पंप योजना के तहत गत शाम सिंगोड़ी से बांका के बीच बिछाई जा रही विद्युत लाइन की चपेट में आने से दो ठेका मजदूरों की मौके पर मौत हो गई, वहीं एक मजदूर झुलस गया है। जिसे साथी मजदूरों द्वारा जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया है। दुर्घटना में घायल अनिल काकोड़िया ने बताया कि सिंगोड़ी से बांका के बीच विद्युत पोल लगाने का कार्य चल रहा था, इस दौरान पोल बिजली के तारों के संपर्क में आ गया। जिसमें फैले करंट की चपेट में आने से सिंगोड़ी के इमलीढाना निवासी 20 वर्षीय रामकुमार पिता मकरचंद काकोड़िया और 21 वर्षीय सनोज पिता तीताराम की मौके पर मौत हो गई। वहीं एक मजदूर अनिल काकोड़िया घायल हुआ है। जिसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।

हाइड्रोलिक सिस्टम से खड़ा कर रहे थे पोल
ठेका कंपनी के सुपरवाईजर श्रीकृष्ण सूर्यवंशी के मुताबिक पोल खड़ा करते हुए विद्युत तारों की चपेट में आने से पोल में करंट आ गया। इस दौरान हुए हादसे में मजदूरों की मौत हुई है। वहीं विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री योगेश सिंघई ने बताया कि कर्मचारी विद्युत पोल ट्रैक्टर में लगे हाइड्रोलिक सिस्टम से पोल खड़ा कर रहे थे। तभी हाइड्रोलिक सिस्टम बिजली तारों के संपर्क में आने से करंट फैल गया। इस हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई।

सुरक्षा के नहीं थे इंतजाम
ठेकेदार द्वारा मजदूरों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए थे। बताया जा रहा है कि घटना के दौरान मृतकों और घायल ने न तो हाथों मेें ग्लव्स पहने थे और न ही हेलमेट लगाया था। जिसकी वजह से वह करंट की चपेट में आ गए और घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई।

चांद और उमरेठ में भी हो चुकी है मौत
विद्युत ठेकेदारों की लापरवाही से इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी है, लेकिन विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं की जाती। सिंगोड़ी से पूर्व चांद और उमरेठ में बिजली की चपेट में आने से ठेका मजदूरों की मौत हो चुकी है।

कंपनी से नहीं लिया था परमिट
विद्युत वितरण कंपनी के एसई योगेश सिंघई ने बताया कि ठेकेदार द्वारा सिंगोड़ी से बांका के बीच काम कराए जाने के दौरान कंपनी से बिजली बंद करने परमिट नहीं लिया गया था। नियम के मुताबिक ठेकेदार को परमिट लेकर ही मजदूरों से काम कराना था। मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

 

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