उद्धव ने कहा - यह बजट नहीं बल्कि जनकल्याण का है संकल्प, इस बार आधा हुआ बजट घाटा

उद्धव ने कहा - यह बजट नहीं बल्कि जनकल्याण का है संकल्प, इस बार आधा हुआ बजट घाटा

Tejinder Singh
Update: 2020-03-06 15:14 GMT
उद्धव ने कहा - यह बजट नहीं बल्कि जनकल्याण का है संकल्प, इस बार आधा हुआ बजट घाटा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार के पहले बजट की तारीफ करते हुए कहा कि मंदी के बावजूद राज्य के ग्रामीण इलाकों और कृषि के विकास के साथ-साथ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ बजट नहीं है बल्कि जनकल्याण का संकल्प है। नई योजनाओं के चलते राज्य के विकास को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि कृषि, उद्योग क्षेत्रों को विकास, युवाओं को रोजगार, अच्छी स्वास्थ्य सेवा इस बजट के केंद्र बिंदु है। मुख्यमंत्री ने दो लाख से ऊपर कर्ज वापस करने वाले किसानों को राहत देने और नियमित कर्ज वापस करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि देने के फैसलों की तारीफ की।  

इस बजट से नहीं मिलेगा रोजगार-पृथ्वीराज चव्हाण

उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजित पवार द्वारा विधानसभा में पेश बजट पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पृथ्वीराज चव्हाण को रास नहीं आया है। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कोई ठोस प्रावधान नहीं किया है। इसलिए मुझे आशंका है कि इस बजट से राज्य में रोजगार ज्यादा नहीं बढ़ेगा। ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में उन्होंने कहा कि विद्युत शुल्क में थोड़ी कमी की गई है लेकिन इससे उद्योगों को ज्यादा राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी, केंद्र से मिल रहे कम पैसों, धीमी विकासदर, कोरोना वायरस के संकट के चलते सरकार के सामने कई चुनौतियां थी लेकिन अगर उद्योगों के लिए ठोस कदम उठाए जाते तो बेहतर होता। 

सबको न्याय देने वाला बजट-थोरात

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने बजट की तारीफ करते हुए कहा कि यह समाज के सभी घटकों को न्याय देने वाला और राज्य के सर्वांगीण विकास को गति देने वाला है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग, महिलावर्ग और रोजगार निर्माण के लिए भारी भरकम प्रावधान किए गए हैं। पिछले पांच सालों में आर्थिक स्थित खराब होने के बावजूद बजट में विकास से जुड़े कामों के लिए निधी की कमी नहीं होने दी गई है। 

विद्युत शुल्क कम करने से उद्योगों को मिलेगी मदद, बढेगा रोजगार-राऊत

ऊर्जा मंत्री डॉ नितिन राऊत ने कहा कि विद्युत शुल्क में 1.8 फीसदी की कमी से राज्य में उद्योगों को बड़ी राहत मिली है। यह कदम रोजगार पैदा करने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में बिजली की ज्यादा दरों से उद्योग प्रभावित हो रहे थे। इसी का असर है कि पिछले 10 सालों में राज्य में कोई बड़ा उद्योग नहीं लगा जिससे लोगों को रोजगार का अवसर नहीं मिला। पावरलूमो के लिए भी बिजली बिल में छूट दी गई है। 27 हार्सपावर इस्तेमाल करने वाले पावरलूमों को प्रति यूनिट 75 पैसे की रियायत मिलेगी।    

आबकारी-स्टाम्प शुल्क से उम्मीद से ज्यादा हुई आय 

राज्य सरकार ने वर्ष 2019-20 के बजट में स्टैंप व रजिस्ट्रेशन शुल्क से 26,999.99 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा था, लेकिन 29,500 करोड़ रुपये की आय हुई। नए साल 2020-21 के लिए सरकार  ने 30,000 करोड़ रुपये कमाई का लक्ष्य रखा है। इस पर वित्त मंत्री अजित पवार का कहना है कि नए साल में एक प्रतिशत छूट देने से इस मद में आय में ज्यादा बढ़ोत्तरी नहीं होगी। इसी तरह 17,477.39 करोड़ रुपये राज्य उत्पादन शुल्क से कमाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन उन्हें 17,977.38 करोड रुपये की कमाई हुई और साल 2020-21 के लिए 19,225.13 करोड़ रुपये कमाने का लक्ष्य रखा है। हां, जीएसटी से ठाकरे सरकार को फटका जरूर लगा है। सरकार ने 1,02,759.89 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान था, लेकिन उसे 86,469.89 करोड़ रुपये ही मिले और नए साल 2020-21 के लिए राज्य सरकार ने 1,07,146.27 करोड़ रुपये की आय का अनुमान लगाया है। वित्त मंत्री अजित  का कहना है कि केंद्र सरकार ने करीब आठ हजार करोड़ रुपये नहीं दिया है इसलिए जीएसटी से कमाई का आंकड़ा कम दिखाई दे रहा है।

राज्य में आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपईया वाली है हालत 

राज्य में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश किए गए बजट में अनुमानित राजस्व घाटा 9510 करोड़ रुपए का है जो वित्त वर्ष 2019-20 के 20292 करोड़ रुपए के घाटे से काफी कम है। लेकिन पिछली फडणवीस सरकार के दौरान पेश किए गए बजट को देखे तो राजस्व घाटा लगातार बढ़ रहा था जिस पर इस साल थोड़ा काबू पाने की कोशिश की गई है। वित्तवर्ष 2016-17 के लिए तत्कालीन वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने 3644 करोड़ रुपए के घाटे का बजट पेश किया था। वित्तवर्ष 2016-17 के बजट में राजस्व घाटा बढ़कर 4511 करोड़ रुपए पहुंच गया। राजस्व घाटे में सबसे बड़ी उछाल वित्तवर्ष 2018-19 के दौरान देखने को मिली जब वित्तमंत्री ने 15375 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे वाले बजट पेश किया। फडणवीस सरकार अपने आखिरी बजट के दौरान भी राजस्व घाटे पर काबू नहीं कर पाई और वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान बढ़कर 20292 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। 

Tags:    

Similar News