उद्धव ने कहा - हाईपरलूप परियोजना का अध्ययन कर लेंगे फैसला, फडणवीस उठाएंगे अजित का मामला

उद्धव ने कहा - हाईपरलूप परियोजना का अध्ययन कर लेंगे फैसला, फडणवीस उठाएंगे अजित का मामला

Tejinder Singh
Update: 2019-12-12 16:39 GMT
उद्धव ने कहा - हाईपरलूप परियोजना का अध्ययन कर लेंगे फैसला, फडणवीस उठाएंगे अजित का मामला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई-पुणे हाइपरलूप ट्रेन के बारे में ब्रिटेन के कारोबारी और वर्जिन ग्रुप के संस्थापक रिचर्ज ब्रैनसन गुरूवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिले। इस दौरान उन्होंने ठाकरे को 10 अरब डॉलर की इस परियोजना के बारे में जानकारी दी। बातचीत के बाद ठाकरे ने कहा कि वे परियोजना के अध्ययन के बाद इस पर कोई फैसला लेंगे। ब्रैनसन ने परियोजना से जुड़ी अटकलों के बीच उद्धव ठाकरे से बांद्रा स्थित ठाकरे के निवास स्थान मातोश्री में मुलाकात की और कहा कि यह शिष्टाचार मुलाकात है और इस मुलाकात के जरिए उन्होंने परियोजना से जुड़ी गलतफहमियां दूर करने की कोशिश की हैं। उन्होंने कहा कि जब सरकार बदलती हो और आपके पास कोई बड़ी परियोजना हो तो इस तरह की मुलाकात जरूरी होती है। ब्रैनसन ने साफ किया कि परियोजना की पूरी लागत निजी क्षेत्र ही वहन करेगा और सरकार से किसी भी तरह की आर्थिक मदद की जरूरत नहीं होगा। दावा किया जा रहा है कि हाइपर लूप ट्रेन के जरिए मुंबई से पुणे के बीच की दूरी आधे घंटे में तय की जा सकेगी क्योंकि वैक्यूम ट्यूब से गुजरने वाली यह ट्रेन 1200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। ब्रैनसन ने कहा कि हम देखना चाहते खे कि नई सरकार भी क्या पुरानी सरकार की तरह परियोजना को लेकर उत्साहित है। उन्होंने कहा कि लॉस वेगास में स्थित कंपनी में इंजीनियर इस परियोजना पर काम कर रहे हैं और कोशिश है कि इसे जल्द से जल्द शुरू किया जाए।  

विपक्ष के नेता के तौर पर उठाऊगा अजित का मामलाः फडणवीस

राकांपा के दागी नेता अजित पवार के साथ 80 घंटे की सरकार बनाने वाले देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि विपक्ष के नेता के तौर पर वे सिंचाई घोटाला मामले में अजित पवार को क्लिनचिट देने का मामला उठाएंगे। गुरुवार को एक हिंदी न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अदालत में एसीबी द्वारा अजित पवार को क्लिनचिट दिए जाने का फैसला मेरे दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के समय नहीं लिया गया। मेरी सरकार ने अजित को क्लिनचिट नहीं दिया था। यह हलफनामा 3 दिसंबर को अदालत में दाखिल किया गया। उन्होंने कहा कि एसीबी के डीजी द्वारा अदालत में हलफनामा दायर कर दिया गया क्लिनचिट टिक नहीं सकेगी। क्योंकि इसके पहले एसीबी के डीजी ने अलग हलफनामा दाखिल किया था। अब फिर से उसी एसीबी द्वारा दूसरा एफिडेविट दिया गया है, जिसमें पहले वाले एफिडेविट में शामिल बातों को गलत बताया गया है। इस तरह का विरोधाभाष अदालत कैसे स्वीकार कर सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने वह एफिडेविट देखा है। यह पूछे जाने पर कि यदि अजित पवार के साथ आप की सरकार चलती रहती तो इस मामले में आप क्या करते? इस पर फडणवीस ने कहा कि यह मामला अदालत में है, इस लिए इसमें सरकार की कोई भूमिका ही नहीं रहती। उद्धव ठाकरे के राकांपा-कांग्रेस के साथ सरकार बनाने की बाबत फडणवीस ने कहा कि उद्धव जी कह रहे हैं कि मैंने बाला साहेब तो अपनी सरकार बनाने का वचन दिया था। उन्होंने सवाल किया कि क्या उन्होंने  बाला साहेब से यह भी कहा था कि कांग्रेस-राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे। फडणवीस ने कहा कि उद्धव के मुख्यमंत्री बनने के बाद मेरी उनसे मुलाकात हुई थी तो मैंने उनसे पूछा कि मैंने कब कहा था कि ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद का बंटवारा होगा।        
 

Tags:    

Similar News