पदाधिकारियों सेे बोले उद्धव- हमारे साथ कोई नहीं, फिर से खड़ी करनी होगी नई शिवसेना

में वे थे ही नहीं पदाधिकारियों सेे बोले उद्धव- हमारे साथ कोई नहीं, फिर से खड़ी करनी होगी नई शिवसेना

Tejinder Singh
Update: 2022-06-24 16:01 GMT
पदाधिकारियों सेे बोले उद्धव- हमारे साथ कोई नहीं, फिर से खड़ी करनी होगी नई शिवसेना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना के कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद मुख्यमंत्री तथा पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे अब पार्टी संगठन को नए सिरे से खड़ा करने में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि आप लोग यह मानकर चलिए कि हमारे साथ कोई नहीं है। हमें नई शिवसेना खड़ी करनी है। उन्होंने कहा कि ऐसा समझिए कि पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर जो हालत थे वही हालत आज बन गए हैं। उन्होंने कहा कि जो मेरे कभी थे ही नहीं। वह मुझे छोड़कर गए हैं तो मुझे बुरा क्यों लगे? 

यह भाजपा की साजिश 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवसेना को तोड़ने के लिए भाजपा की साजिश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि मैं पार्टी चलाने में असक्षम हूं तो मैं पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हूं। मुख्यमंत्री पद मेरे लिए गौण है। शुक्रवार को दादर स्थित शिवसेना भवन में पार्टी के जिला प्रमुख और संपर्क प्रमुखों की बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने अपने निजी आवास मातोश्री से पदाधिकारियों को ऑनलाइन संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने शिंदे का नाम लिए बिना कहा कि महत्वकांक्षा होनी चाहिए लेकिन राक्षसी महत्वकांक्षा नहीं होनी चाहिए। ऐसी महत्वकांक्षा नहीं होनी चाहिए कि जिन्होंने सब कुछ दिया उसी को खा जाऊं। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्ति के बड़ा होने पर उसका सपना भी बड़ा होता है। मैं उनके सपनों को पूरा नहीं कर सकता हूं। 

बगैर ठाकरे के शिवसेना चला कर दिखाएं

उद्धव ने कहा कि मैं यह बात सुन-सुनकर उब गया हूं कि  बालासाहब ठाकरे की शिवसेना खत्म हो गई है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना और बालासाहब ठाकरे की शिवसेना अलग-अलग है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी चुनौती है कि आप ठाकरे और शिवसेना यह दोनों शब्द हटाकर अलग शिवसेना चलाकर दिखाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो नालायक हूं। मेरी तस्वीर का इस्तेमाल न करें और न ही बालासाहब ठाकरे की तस्वीर का उपयोग करें। बालासाहब ठाकरे की तस्वीर और ठाकरे नाम के बिना आगे बढ़कर दिखाएं।

शिवसेना पक्ष प्रमुख ने कहा कि साल 2012 के बाद मैंने ही विधानसभा चुनाव में टिकट बांटा था। मेरे दिए हुए टिकट पर सभी विधायक निर्वाचित हुए थे। अब यह लोग कर रहे हैं कि बालासाहब ठाकरे की शिवसेना नहीं बची है। फिर साल 2014 और साल 2019 में मंत्री पद किसकी शिवसेना ने दिया था। यदि यह बालासाहब ठाकरे की शिवसेना नहीं थी तो मंत्री पद क्यों स्वीकार किया? मंत्री पद नहीं लेना चाहिए था। 

शिंदे को दिया नगर विकास जैसा विभाग 

मुख्यमंत्री ने शिंदे का नाम लिए बिना कहा कि शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे के निधन के बाद शिवसेना दो बार सत्ता में आई। दोनों बार उन्हें मंत्री पद दिया गया। मैंने उन्हें नगर विकास विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए थे जिसे मुख्यमंत्री हमेशा अपने पास रखते हैं। क्योंकि मुझे पैसों के चक्कर में नहीं पड़ना था। मैंने ही उन्हें कहा था कि आप शिवसेना के लोगों को फंड देने में मदद करें। लेकिन अब वे पैसों पर गांधीजी की बजाय अपनी तस्वीर लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक लेकर गए हैं और किसी को लेकर जाना है तो ले जाईए। लेकिन मौसम बदलता रहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखे पत्तों का गलना प्रकृति का नियम है। जब तक सूखे पत्ते नहीं गलते हैं तब तक नए पत्ते नहीं आते। जिन पत्तों पर कीड़ा लगा है उसको तोड़ना ही पड़ेगा नहीं तो उस कीड़े से पूरा पेड़ सड़ जाएगा। 

मैं क्यों करुंगा शिवसेना तोड़ने का पाप

उन्होंने कहा कि ऐसा आभास कराया जा रहा है कि मैंने ही शिंदे गुट को उकसाया है। मैं शिवसेना को तोड़ने का पाप क्यों करूं? मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने सरकारी आवास वर्षा बंगला छोड़ा है।  लेकिन जिद नहीं छोड़ी है। शिवसेना के कुछ विधायकों ने मुझे आश्वासन दिया था कि हम कट जाएंगे लेकिन शिंदे गुट में शामिल नहीं होंगे। फिर भी ये लोग शिंदे गुट में चले गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने शिवसेना के मंत्रियों को विधायकों के अलावा जिला प्रमुखों को विकास निधि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। मुझे पता नहीं कि शिवसेना के मंत्रियों ने विकास निधि उपलब्ध कराई अथवा नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल दीपावली के दौरान मैंने स्पाइनल कॉर्ड का ऑपरेशन कराया। उसके कुछ दिनों बाद ही मुझे कंधे से लेकर पैर तक काफी तकलीफ होने लगी। इसके बाद तत्काल मेरा दूसरा ऑपरेशन हुआ। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझसे कहा कि उद्धव भाई आपने ऑपरेशन करावा, बहुत अच्छा काम किया। हिम्मत का काम था लेकिन आपने किया। मैंने उनसे कहा कि हिम्मत और मैं कभी अलग नहीं हो सकते। 

मुझे पहले ही लग गई थी भनक 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले छह महीने-एक साल के दौरान मुझे भनक लग गई थी। मैंने शिंदे से सीधे पूछा कि क्या इस बात में सच्चाई है? फिर उन्होंने मुझसे कहा कि मैं आपसे बगावत क्यों करूंगा? मैंने कहा कि यह झूठ होगा तो अच्छा है लेकिन ऐसा नहीं है तो मुझे स्पष्ट बताइए। फिर शिंदे ने कहा कि हमें भाजपा के साथ गठबंधन करके सरकार बनानी चाहिए। इसको लेकर मुझ पर शिवसेना के कुछ विधायकों का दबाव है। फिर मैंने शिंदे से कहा कि मुझे मंजूर है लेकिन आप मुझे बताइए कि भाजपा ने मेरे सहित शिवसेना के कितने विधायकों और उनके परिवार के खिलाफ अशोभनीय आरोप लगाए हैं। भाजपा ने मातोश्री के खिलाफ आरोप लगाए हैं, इससे आपका खून नहीं खौलता है क्या? आप कैसे शिवसैनिक हैं? भाजपा ने मेरे परिवार और मातोश्री के खिलाफ आरोप लगाए। मैं फिर से भाजपा के नेताओं के साथ नालायक और निर्लज्ज बनकर बैठ जाऊं। मेरे बगल में कौन बैठेगा वह तोतला? मुख्यमंत्री का इशादा भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया की ओर था। मैंने उन्हें स्पष्ट कह दिया कि मुझसे यह संभव नहीं हो पाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस्तेमाल करो और फेंक दो। यह भाजपा की नीति है। जो बगावत करके जाएंगे उनको इस्तेमाल करके फेंक दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा में लड़ने की ताकत नहीं है। इसलिए वह विरोधियों को तोड़ती है और हम पर ही लड़ने के लिए छोड़ देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोगों को लग रहा है कि आपका भविष्य शिंदे गुट में है तो जा सकते हैं। मैं किसी के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करना चाहता हूं। 

एक-दो को छोड़ कर बैठक में आए सभी जिला प्रमुख 

इस बीच बैठक के दौरान शिवसेना सांसद विनायक राऊत ने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई बैठक में दो से तीन जिलों को छोड़कर लगभग सभी जिलों के जिला प्रमुख शामिल हुए हैं। दो से तीन जिलों के जिला प्रमुखों ने विभिन्न कारणों से बैठक में शामिल न होने के लिए पहले से अनुमति ली थी। 

 

Tags:    

Similar News