कृषि मंत्री का दावा- देश के किसानों को समर्पित रहेगा इस साल का केंद्रीय बजट, नितिन राउत का मोदी सरकार पर हल्ला बोल
कृषि मंत्री का दावा- देश के किसानों को समर्पित रहेगा इस साल का केंद्रीय बजट, नितिन राउत का मोदी सरकार पर हल्ला बोल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि साल 2019 में पेश होने वाला केंद्र सरकार का बजट देश के किसानों के लिए समर्पित रहेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा वर्ष में साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कदम उठाया जाएंगे। बुधवार को क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से आयोजित सम्मेलन में सिंह ने कहा कि देश में उद्योगपतियों को कृषि क्षेत्र में मदद की गति बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश के किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा रहा है। इसको दूर करने के लिए सरकार और उद्योगपतियों को कृषि क्षेत्र में मदद बढ़ाने की जरूरत है। यदि सरकार, उद्योगपति और किसान एक साथ मिलकर काम करें तो कई चुनौतियों को दूर किया जा सकता है।
सिंह ने कहा कि सरकार साल 2021-22 तक कृषि माल के लिए आनलाईन ट्रेडिंग मंच (ई-नाम) से देश की 22 हजार मंडियों को जोड़ने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक देश की 585 कृषि मंडियों को ई-नाम के साथ जोड़ा गया है। सिंह ने कहा कि किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए कृषि मंत्रालय के बजटीय खर्च को 2014-19 के दौरान बढ़ाकर 2,11,694 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
मोदी सरकार को अनुसूचित जाति के लोगों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं-नितिन राउत
सुप्रीम कोर्ट द्वारा विश्वविद्यालयों में विभागवार आरक्षण को लेकर केन्द्र की ओर से दायर याचिका को खारिज किए जाने पर कांग्रेस के एससी सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन राउत ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला है। कहा कि मोदी सरकार को अनुसूचित जाति के लोगों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है। इनको लेकर सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। राउत ने कहा कि कांग्रेस ने रोस्टर प्रणाली शुरु करके यह सुनिश्चित किया था कि विश्वविद्यालयों के विभागों में देश की जनसांख्यिकी और विविधता दिखे। यह शिक्षा क्षेत्र में उठाया गया सकारात्मक कदम था ताकि एससी से संबंधित मुद्दों को शैक्षणिक मंच पर लाया जा सके। लेकिन मोदी सरकार जो आरएसएस के एजेंडे पर चल रही है को नही लगता कि अनुसूचित जाति के युवा पढे। मोदी सरकार एससी समुदाय के लोगों को ज्ञान से वंचित रखने के साथ उनके संवैधानिक अधिकारों को भी छिनना चाहती है।
नितिन राउत ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि मोदी सरकार ने इस मसले को लेकर जानबूझकर कमजोर याचिका दायर की है, ताकि सुप्रीम कोर्ट में यह केस खारिज हो जाए। इसके लिए एससी प्रकोष्ठ मोदी सरकार की भर्त्सना करता है। उन्होने कहा कि हम उन्हे चुनौति देते है कि वह संसद के आने वाले बजट सत्र में इस मुद्दे पर अध्यादेश लाए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विश्वविद्यालयों में विभागवार आरक्षण को लेकर केन्द्र की याचिका को खारिज कर दिया है। इस फैसले से एससी,एसटी और ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों का नुकसान होने वाला है।