अत्याधुनिक तकनीक से खोजें आपदा निवारण के उपाय : मुख्यमंत्री फडणवीस

अत्याधुनिक तकनीक से खोजें आपदा निवारण के उपाय : मुख्यमंत्री फडणवीस

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-05 06:26 GMT
अत्याधुनिक तकनीक से खोजें आपदा निवारण के उपाय : मुख्यमंत्री फडणवीस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अत्याधुनिक तकनीक की मदद से आपदा निवारण के नए-नए उपाय खोजने का आह्वान किया। जलयुक्त शिवार योजना के माध्यम से सूखे की चुनौती पर विजय हासिल करने का दावा भी किया। वे चौथे अंतरराष्ट्रीय आपदा निवारण परिषद के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। मंच पर प्रमुखता से राहत व पुनर्वास मंत्री चंद्रकांत पाटील, उच्च तकनीकी शिक्षा मंत्री विनोद तावडे उपस्थित थे। श्री फडणवीस ने कहा कि आपदा निवारण क्षेत्र में तीन दशकों में बहुत सुधार हुआ है।

आपदा के संबंध में पूर्व सूचनाओं को आदान-प्रदान हो रहा है। नागरिकों को भी सूचना देकर सतर्क किया जाता है। 2030 तक आपदा का प्रमाण कम करना है और इसके लिए सभी का योगदान जरूरी है। इस परिषद के माध्यम से आपदा निवारण के नए-नए आविष्कार होंगे। राज्य में गत चार साल से सूखे जैसी स्थिति है, लेकिन इस प्राकृतिक संकट पर जलयुक्त शिवार योजना से विजय हासिल करना संभव हुआ है। इससे कृषि विकास दर बढ़ा है। आपदा प्रबंधन व निवारण में राज्य ने बहुत काम किया है। आपदा प्रबंधन से संबंधित पेपर का प्रकाशन मुख्यमंत्री के हाथों हुआ। अंतरराष्ट्रीय परिषद को 50 देशों का सहयोग है और 30 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। राहत व पुनर्वास मंत्री चंद्रकांत पाटील ने भी विचार रखे। प्रास्ताविक अपर मुख्य सचिव मेधा गाडगिल ने किया। 

इधर पालकमंत्री ने जंगली सुअर से हुए नुकसान की भरपाई तुरंत देने के दिए निर्देश
पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने जंगली सुअर व रोही से जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई, उन किसानों को तुरंत क्षतिपूर्ति देने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधीश कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक में कहा कि जंगल के समीप रहने वाले किसानों के खेत में जंगली जानवर घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। किसान इस नुकसान से बचने के लिए अपनी तरफ से कदम उठाते हैं, लेकिन नुकसान होने पर वन विभाग व प्रशासन से मदद की गुहार लगाते हैं। जंगली जानवर से किसानों के पशु भी जख्मी हो जाते हैं।

अप्रैल से जनवरी तक जिले में इसतरह के 4682 मामले दर्ज हुए हैं। क्षतिपूर्ति के तौर पर 3 करोड़ 37 लाख 48540 रुपए की निधि दी गई है। सबसे ज्यादा नुकसान उमरेड क्षेत्र में हुआ है। पशुधन के नुकसान के 406 मामलों में 50 लाख 60 हजार की मदद दी गई है। मौदा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पीने के पानी की व्यवस्था तुरंत करने की सूचना दी। बैठक में जिले में जारी विविध विकास कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में प्रमुखता से निवासी उपजिलाधीश रवींद्र खजांजी, उपवनसंरक्षक प्रभुनाथ शुक्ला, अविनाश ठाकरे, चरणसिंह ठाकुर, सुभाष जैस्वाल, उपजिलाधीश अविनाश कातडे आदि उपस्थित थे। 
 

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