दिल्ली : संसदीय संस्थाओं के कामकाज में सुधार की वकालत, कल नागपुर आ रहे हैं उपराष्ट्रपति

दिल्ली : संसदीय संस्थाओं के कामकाज में सुधार की वकालत, कल नागपुर आ रहे हैं उपराष्ट्रपति

Tejinder Singh
Update: 2019-10-29 15:55 GMT
दिल्ली : संसदीय संस्थाओं के कामकाज में सुधार की वकालत, कल नागपुर आ रहे हैं उपराष्ट्रपति

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू बुधवार को संतरानगरी आएंगे। इस दौरान वे नीरी में आयोजित 15 वीं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। संगोष्ठी का विषय जीव विज्ञान, चिकित्सा और पर्यावरण में धातु आयन और कार्बनिक प्रदूषक है। कार्यक्रम में नीरी के निदेशक डॉ राकेश कुमार, अमेरिका के प्रो डॉ पाउल बी टेक्नोहाउ और महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ के डॉ दीलिप म्हैसकर भी उपस्थित रहेंगे। 

संसदीय संस्थाओं के कामकाज में सुधार की वकालत

उधर नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने देश में संसदीय संस्थाओं के कामकाज और इनमें जनता के भरोसे में आ रही कमी पर गहरी चिंता जताई है। उन्होने संसद व विधानसभाओं के कामकाज को प्रभावी बनाने के लिए आज 15 सूत्री सुधार चार्टर का अनावरण किया। प्रथम अरूण जेटली स्मारक व्याख्यानमाला में ‘देश में संसदीय संस्थानों की मजबूती’ विषय पर बोलते हुए नायडू ने कहा कि संसद व विधानसभाओ में जन प्रतिनिधियों की कम उपस्थिति और बहस की गुणवत्ता चिंता की बात है। उन्होने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे अपने विधायकों व सांसदों की सदन में कम-से-कम 50 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि रोस्टर प्रणाली का सख्ती से पालन कर जन प्रतिनिधियों की बेहतर उपस्थिति दर्ज कराई जा सकती है। उन्होने कहा कि पीठासीन अधिकारियों को कई बार कोरम (सदन चलाने के लिए जरूरी 10 प्रतिशत उपस्थिति) के अभाव में सदन को स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे जेटली : नायडू

राज्यसभा के सभापति ने संसद की स्थायी समितियों का सीमित कार्यकाल, संसदीय समितियों की बैठकों में सदस्यों की खराब उपस्थिति और सदस्यों का इसके प्रति कम झुकाव पर चिंता जताई। उन्होने कहा कि वह इस संबंध में शीघ्र ही लोकसभा अध्यक्ष के साथ चर्चा करेंगे ताकि समितियों के कामकाज को ज्यादा प्रभावी बनाया जा सके। इस मौके पर श्री नायडू ने अरूण जेटली के योगदानों की सराहना करते हुए कहा कि वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। जेटली ने राज्यसभा में सदन के नेता और विपक्ष के नेता के तौर पर कई अहम विधेयकों को पारित कराने और सदन का गतिरोध दूर कराने में अहम भूमिका निभाई थी।

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