पवनराजे निंबालकर हत्याकांड : अन्ना हजारे की गवाही चाहता है पीड़ित परिवार, याचिका दाखिल 

पवनराजे निंबालकर हत्याकांड : अन्ना हजारे की गवाही चाहता है पीड़ित परिवार, याचिका दाखिल 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-14 19:17 GMT
पवनराजे निंबालकर हत्याकांड : अन्ना हजारे की गवाही चाहता है पीड़ित परिवार, याचिका दाखिल 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया है कि वह कांग्रेस नेता पवन राजे निंबालकर हत्याकांड मामले में आरोपी पूर्व सांसद व राकांपा नेत पदमसिंह पाटिल सहित अन्य आरोपियों के बयान दर्ज करना फिलहाल टाल दे। निचली अदालत में आरोपियों के फिलहाल आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 313 के तहत बयान दर्ज किया जा रहा है।

जस्टिस प्रकाश नाइक ने यह निर्देश निंबालकर की पत्नी आनंदी देवी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका में निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई है। जिसके तहत कोर्ट ने जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से गवाह के रूप में जिरह की अनुमति नहीं दी है। निचली अदालत ने हजारे को जिरह से छूट दी है। याचिका में आनंदी देवी ने कहा है कि हजारे इस मामले के महत्वपूर्ण गवाह है, इसलिए उनसे जिरह होनी चाहिए।

जस्टिस नाइक ने याचिका पर गौर करने के बाद कहा कि फिलहाल प्रकरण का मुकदमा महत्वपूर्ण पड़ाव पर है। इसलिए फिलहाल निचली अदालत इस मामले से जुड़े आरोपियों के बयान आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 313 के तहत दर्ज करना टाल दे। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 27 जून तक के लिए स्थगित कर दी है। गौरतलब है कि साल 2006 में राजनीतिक रंजिश के चलते निंबालकर की हत्या कर दी गई थी। सीबीआई ने इस मामले की जांच की थी।

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