अशोक चव्हाण निष्क्रिय व्यक्ति, विनायक मेटे ने कहा- मराठा आरक्षण राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति पर नए मंत्री की हो नियुक्ति

अशोक चव्हाण निष्क्रिय व्यक्ति, विनायक मेटे ने कहा- मराठा आरक्षण राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति पर नए मंत्री की हो नियुक्ति

Tejinder Singh
Update: 2020-08-09 12:31 GMT
अशोक चव्हाण निष्क्रिय व्यक्ति, विनायक मेटे ने कहा- मराठा आरक्षण राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति पर नए मंत्री की हो नियुक्ति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसंग्राम के अध्यक्ष विनायक मेटे के नेतृत्व में मराठा आरक्षण समन्यक समिति ने रविवार को पुणे में आंदोलन किया। इस आंदोलन में मराठा आरक्षण पर गठित राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति के अध्यक्ष पद से राज्य के पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण को हटाने की मांग की गई। पत्रकारों से बातचीत में मेटे ने कहा कि मराठा आरक्षण मामले को लेकर चव्हाण सोए हुए हैं। चव्हाण निष्क्रिय व्यक्ति हैं इसलिए उनको हटाकर सरकार को उपसमिति का अध्यक्ष किसी अच्छे मंत्री को बनाना चाहिए। मेटे ने कहा कि चव्हाण अपनी कुर्सी टिकाए रखने के लिए अपने पंसद का सचिव और अधिकारी नियुक्त करने में व्यस्त हैं।

मराठा आरक्षण की ओर से उनका जरा भी ध्यान नहीं है। मेटे ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और चव्हाण राज्य में जहां पर भी दौरा करेंगे वहां पर हम उनके खिलाफ आंदोलन करेंगे। मेटे ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसके लिए राज्य सरकार को जितनी तैयारी करनी चाहिए थी उतनी तैयारी नहीं की जा रही है। मेटे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण मामले में सरकार की तरफ से पेश होने वाले वकीलों में तालमेल नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में जो आवेदन करना चाहिए वो आवेदन नहीं किया जा रहा है। बिना जरूरत के कागजात अदालत में पेश किए जा रहा है।

सरकार की दूरदृष्टि नहीं होने के कारण मराठा आरक्षण के तहत नौकरियों में नियुक्ति पर रोक लगाई गई है। अगर ऐसी स्थिति रही तो आगे कुछ भी हो सकता है। इसलिए चव्हाण को उपसमिति से हटाया जाना चाहिए। मेटे ने दावा किया कि चव्हाण के खिलाफ उनकी व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है। उन्होंने कहा कि चव्हाण के अलावा कोई और मंत्री उपसमिति का अध्यक्ष होता तो हम उसके खिलाफ आंदोलन करते। मराठा आरक्षण समन्यक समिति ने प्रदेश सरकार और चव्हाण को हटाने की मांग को लेकर पुणे, औरंगाबाद समेत कई जगहों पर आंदोलन किया। 

 

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