फसलों पर मौसम की मार, धान के खेत में सूखेपन से उभर आईं  दरारें, मक्का मुरझाने लगा

फसलों पर मौसम की मार, धान के खेत में सूखेपन से उभर आईं  दरारें, मक्का मुरझाने लगा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-01 13:35 GMT
फसलों पर मौसम की मार, धान के खेत में सूखेपन से उभर आईं  दरारें, मक्का मुरझाने लगा

डिजिटल डेस्क जबलपुर । जबलपुर और आसपास के जिलों में मानसून सीजन की बिगड़ती हालत ने फसलों की सेहत को बिगाडऩा शुरू कर दिया है। कोरोना काल में जब सबसे ज्यादा उम्मीदें खरीफ फसलों के बेहतर उत्पादन से है तो उसी समय कम बारिश ने किसानों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है। धान के खेत से लेकर मक्का के खेत तक फसलों के मुरझाने की स्थिति पैदा हो गई है। कृषि के जानकारों  का कहना है कि यदि दो-चार रोज में अच्छी बारिश नहीं हुई तो यह संभव है िक आगे पैदावार तक में इसका असर पड़ सकता है। कम बारिश के इन हालातों में सबसे अधिक असर उन किसानों की फसलों पर  है जिनके खेत के आसपास सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे किसान मानसून की बेरुखी से मायूस हैं। 
पूरा सावन बारिश के इंतजार में बीता जा रहा है। मानसून सीजन के 61 दिन बीत गये और मानसून जबलपुर में आया इसके 47 दिन हो गये हैं, लेकिन वैसी बारिश नहीं हुई जिससे कुछ राहत मिल सके। धान के खेत में सूखे के इन हालातों में भूमि में दरारें तक देखी जा सकती हैं। इसी तरह अन्य खरीफ की फसल भी प्रभावित हो रही है। उप संचालक कृषि एसके निगम कहते हैं कि अभी फसलों के खराब होने की स्थिति तो नहीं है, लेकिन बारिश न होने से परेशानी जरूर बढ़ गई है। कुछ दिनों के अंदर यदि भरपाई हो जाती है तो ठीक नहीं तो नुकसान से इनकार नहीं िकया जा सकता है। कृषि विभाग के अनुसार इस बार खरीफ की फसल 1 लाख 96 हेक्टेयर में बोई गई है। इसमें धान, मक्का और उड़द का रकबा सबसे अधिक है। कुछ इलाकों में रामतिल भी बोया गया है। 


 

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