लापरवाही से डिलेवरी कराने से बच्चे की मौत पर क्या कार्रवाई की गई ? हाईकोर्ट ने राज्य शासन व अन्य पक्षों से पूछा
लापरवाही से डिलेवरी कराने से बच्चे की मौत पर क्या कार्रवाई की गई ? हाईकोर्ट ने राज्य शासन व अन्य पक्षों से पूछा
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने राज्य शासन, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शहडोल के संभागायुक्त, कलेक्टर, एसपी और सीएमओ से पूछा है कि स्टाफ नर्स की लापरवाही से डिलेवरी कराने से बच्चे की मौत होने के मामले में क्या कार्रवाई की गई है। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने अनावेदकों को 8 सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। एमपीईबी कॉलोनी बिरसिंहपुर पाली निवासी स्टाफ नर्स सरिता कौड़े मेहरा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वह 8 जून 2020 को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिरसिंहपुर पाली में भर्ती हुई थी। डिलेवरी के दो दिन पहले उसने सोनोग्राफी कराई थी, जिसमें उसका बच्चा पूरी तरह स्वस्थ था।
उसकी डिलेवरी रिटायर्ड एएनएम उमा कुशवाहा से कराई गई। डिलेवरी के दौरान उसके बच्चे का सिर फँस गया। रिटायर्ड एएनएम ने लापरवाही पूर्वक बच्चे का सिर पकड़कर बाहर खींचा, जिससे गर्दन की हड्डियाँ टूटने से बच्चे की मौत हो गई। इस मामले में उसने रिटायर्ड एएनएम और अस्पताल के स्टाफ के खिलाफ एफआईआर और कार्रवाई करने के लिए सीएमओ और थाना प्रभारी को आवेदन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अधिवक्ता रूपेश पटेल के तर्क सुनने के बाद एकलपीठ ने अनावेदकों से जवाब-तलब किया है।