शहीद के अस्थि कलश को श्रद्धांजलि दी पूरे शहर ने, नर्मदा में हुआ प्रवाहित

शहीद के अस्थि कलश को श्रद्धांजलि दी पूरे शहर ने, नर्मदा में हुआ प्रवाहित

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-19 14:35 GMT
शहीद के अस्थि कलश को श्रद्धांजलि दी पूरे शहर ने, नर्मदा में हुआ प्रवाहित

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जब तक सूरज चांद रहेगा अश्विनी तेरा नाम रहेगा के नारों के साथ संस्कारधानी गूंज उठी। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जबलपुर के सपूत शहीद अश्विनी कुमार काछी की अस्थिकलश यात्रा जब संस्कारधानी पहुंची, तो यात्रा के अंतिम दर्शन के लिए सड़कों पर जन सैलाब उमड़ पड़ा। अस्थिकलश यात्रा पर जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई और लाड़ले सपूत को पुष्पापंलि अर्पित कर अंतिम विदाई दी गई। मोक्षदायिनी नर्मदा में शहीद की अस्थियां विसर्जित की गई।

गृहग्राम खुड़ावल से निकली यात्रा ने किया जबलपुर शहर का भ्रमण
जबलपुर जिले के शहीद अश्विनी काछी के अस्थिकलश को नर्मदा में प्रवाहित करने कलश यात्रा मंगलवार को ग्राम खुड़ावल से सुबह 8 बजे रवाना हुई। जो मझौली बायपास, गढ़िया मोहल्ला, कालभैरव चौक, आजाद चौक, गौरी तिराहा पहुंची। यहां कलश पर नगरवासियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद को सलामी दी। इसके पश्चात अस्थि कलश यात्रा गोसलपुर, गांधीग्राम, पनागर होते हुए दोहपर को संस्कारधानी पहुंची।

जगह जगह लोगों ने किया शहीद को नमन
शहर पहुंंचते ही अस्थिकलश यात्रा का लोगों द्वारा जगह-जगह स्वागत किया गया। जहां जहां से शहीद की अस्थिकलश यात्रा निकली वहां-वहां लोगों ने पुष्पवर्षा की, इसके साथ ही मार्ग में पुष्प बिछा दिए। लोगों ने शहीद की नम आंखों से याद किया।

मां की आंखों के आंसू नहीं ले रहे थे रुकने का नाम
वीरभूमि खुड़ावल के शहीद स्मारक में शहीद अश्विनी की अस्थियों का संचय परिजन और रिश्तेदारों ने किया। अस्थिकलश को बड़े भाई सुमंत ने अपने हाथों में जैसे ही रखा मां कौशल्या रो पड़ी। शहीद के मां के आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मां को अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि उसका बेटा अब नहीं रहा। पिता सुकरू के साथ भाई अनिल, अवधेश की आंखों से भी आंसू निकल पड़े। चाचा अर्जुन, बुआ कलेशा और मामा संतराम ने पुष्प अर्पित कर शहीद अश्विनी को नमन किया।

भरी आंखों से किया विदा
खुड़ावल गांव के लोग वीर सपूत को नमन कर उसकी वीरता पर गर्व कर रहे थे। शहीद अश्विनी के शिक्षक जगदेश पटेल, खड़क सिंह के साथ गांव के पूर्व सरपंच गजेंद्र खम्परिया, समाजसेवी विनय असाटी के साथ बड़ी संख्या में ग्रामवासियों ने शहीद को अंतिम विदाई दी।

 

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