सिर्फ दो दिनों का होगा शीतकालिन अधिवेशन, फडणवीस बोले - चर्चा से भाग रही है सरकार

सिर्फ दो दिनों का होगा शीतकालिन अधिवेशन, फडणवीस बोले - चर्चा से भाग रही है सरकार

Tejinder Singh
Update: 2020-12-03 14:45 GMT
सिर्फ दो दिनों का होगा शीतकालिन अधिवेशन, फडणवीस बोले - चर्चा से भाग रही है सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन अधिवेशन दो दिनों का होगा। शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर के बजाय 14 दिसंबर से शुरू होगा। गुरुवार को राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों की हुई कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसमें विधान परिषद सभापति रामराजे नाईक निंबालकर, विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार समेत दोनों सदनों के विपक्ष के नेता मौजूद थे। विधान भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने कहा कि कोरोना संकट कम नहीं हो रहा बल्कि बढ़ा ही है। ऐसी स्थिति में विधानमंडल में ज्यादा दिनों तक विधायकों और उनके स्टॉफ को बुलाना उचित नहीं होगा। इसलिए सभी लोगों की भावना अधिवेशन को ज्यादा दिनों तक चलाने की नहीं थी। परब ने कहा कि बैठक में विपक्ष ने दो सप्ताह का अधिवेशन आयोजित करने की मांग थी लेकिन कोरोना के कारण अधिवेशन की अवधि दो दिनों करने का फैसला लिया गया है। परब ने कहा कि दो दिवसीय सत्र के पहले दिन 14 दिसंबर को शोक प्रस्ताव, पूरक मांगों और अध्यादेश के प्रस्ताव को सदन के पटल पर रखा जाएगा। जबकि 15 दिसंबर को पूरक मांगों पर चर्चा और मंजूरी के बाद अधिवेशन का सत्रावसान हो जाएगा। 

चर्चा से भाग रही है सरकारः फडणवीस

दूसरी ओर विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने बैठक में कहा कि यदि विधायक कोरोना जांच कराकर सदन में आएंगे तो कम से कम दो सप्ताह का शीतकालीन सत्र आयोजित किया जाना चाहिए लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को मान्य नहीं किया। फडणवीस ने कहा कि दो दिन के सत्र का मतलब है कि सरकार चर्चा से भाग रही है। सरकार सभी गतिविधियों को शुरू करने के लिए अनलॉक कर रही है, ऐसे में अधिवेशन पर पाबंदी लगाना उचित नहीं है। फडणवीस ने कहा कि राज्य के किसानों के सामने अभूतपूर्व संकट है। चक्रवात, बाढ़ और फसल पर कीड़ा लगने के कारण किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं। विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र अंचल में कपास और सोयाबीन की फसल कीड़ा लगने के कारण पूरी तरह से नष्ट हो गई है। इसके अलावा मराठा आरक्षण, ओबीसी, महिला अत्याचार समेत कई मुद्दों पर सदन में चर्चा होना जरूरी है। वहीं लोकभारती के विधायक कपिल पाटील ने केवल दो दिन का अधिवेशन आयोजित करने पर नाराजगी जताई है। पाटील ने इसको लेकर  मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है। फडणवीस ने कहा कि हमारी मांग है कि विधानमंडल का बजट सत्र नागपुर में आयोजित किया जाए। 

शीतकालीन अधिवेशन के लिए कोरोना जांच जरूरी

शीतकालीन अधिवेशन में आने वाले सभी लोगों को कोरोना जांच करनी पड़ेगी।  अधिवेशन में शामिल होने वालो के लिए कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य करने का फैसला किया गया है। इसके लिए 12 और 13 दिसंबर को विधानभवन परिसर में कोरोना जांच शिविर आयोजित होगा। अधिवेशन के लिए आने वाले विधानमंडल के दोनों सदनों के विधायकों, मंत्रालय के अधिकारियों व कर्मचारियों, सफाई कर्मचारियों, पुलिस कर्मियों और पत्रकारों की कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच की जाएगी। जिनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी उन्हें विधान भवन में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल में इलाज के लिए भेजा जाएगा। अधिवेशन में आने वाले सरकारी मान्यता प्राप्त निजी लैब में कोरोना जांच करा सकते हैं लेकिन उनकी जांच रिपोर्ट 12 और 13 दिसंबर की होनी चाहिए।

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