भारतीय टीम के नए बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ने कहा- वनडे में मध्यक्रम की समस्या का समाधान जल्द करना होगा

भारतीय टीम के नए बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ने कहा- वनडे में मध्यक्रम की समस्या का समाधान जल्द करना होगा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-06 11:14 GMT
भारतीय टीम के नए बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ने कहा- वनडे में मध्यक्रम की समस्या का समाधान जल्द करना होगा
हाईलाइट
  • राठौड़ ने कहा-वनडे में मध्यक्रम इतना अच्छा नहीं कर रहा और हमें निश्चित रूप से इसका निपटारा करना चाहिए
  • विश्व कप के सेमीफाइनल में हारकर टीम के बाहर होने के कारण पूर्व कोच संजय बांगर को हटाने का निर्णय लिया गया और उनकी जगह राठौड़ को दी गई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के नए बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने कहा है कि आने वाले दिनों में टीम के मध्यक्रम से जुड़ी समस्या को सुलझाना होगा। विश्व कप के सेमीफाइनल में हारकर टीम के बाहर होने के कारण पूर्व कोच संजय बांगर को हटाने का निर्णय लिया गया और उनकी जगह राठौड़ को दी गई। बीसीसीआई डॉट टीवी पर राठौड़ ने कहा, यह केवल विश्व कप की बारे में नहीं है। वनडे में मध्यक्रम इतना अच्छा नहीं कर रहा और हमें निश्चित रूप से इसका निपटारा करना चाहिए।

राठौड़ ने कहा, श्रेयस अय्यर ने पिछले दो मैचों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है और हमारे पास मनीष पांडे भी है। इन दोनों खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट और इंडिया-ए के लिए काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। ये ऐसे बल्लेबाज है जो अपना काम बखूबी करने के काबिल हैं और इसके बारे में कोई शक नहीं है। अय्यर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ हुई वनडे सीरीज में नबर-5 पर बल्लेबाजी की और दो पारियों में 71 एवं 65 रन बनाए।

राठौड़ ने कहा, यह शीर्ष स्तर पर सही होने की बात है। हमें उनपर भरोसा दिखाने और उन्हें सही तैयारी कराने की आवश्यकता है ताकि वे अधिक समय तक वहां रह सकें। उनमें अच्छा करने के लिए पर्याप्त प्रतिभा है। वनडे में मध्यक्रम तो वहीं टेस्ट में सलामी बल्लेबाज हाल के समय में बेहतरीन प्रदर्शन करने में नाकाम रही है। लोकेश राहुल वेस्टइंडीज के खिलाफ जूझते नजर आए।

राठौड़ ने कहा, एक अन्य चिंता का विषय टेस्ट में सलामी बल्लेबाजों की भागीदारी है। हमारे पास विकल्प हैं और इसमें काफी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। हमें उनके और अधिक निरंतर होने का तरीका ढूंढना होगा। उन्होंने कहा, मैं एक ऐसा वातावरण बनाना चाहता हूं जहां खिलाड़ी गलतियां करने से डरें नहीं, जहां गलती करने वाले को छोटा न समझा जाए क्योंकि वे अभी सीख रहे हैं। आप एक बार फेल हो सकते हैं, लेकिन आपको अपनी असफलताओं से सीखकर और बेहतर होना चाहिए।

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