Cricket:31 साल पहले खेली गई तूफानी पारी को आज भी याद करते हैं अजहर, अब चाहकर भी नहीं देख पाने का मलाल

Cricket:31 साल पहले खेली गई तूफानी पारी को आज भी याद करते हैं अजहर, अब चाहकर भी नहीं देख पाने का मलाल

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-11 15:33 GMT
Cricket:31 साल पहले खेली गई तूफानी पारी को आज भी याद करते हैं अजहर, अब चाहकर भी नहीं देख पाने का मलाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन आज भी न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई वो पारी याद है जिसमें उन्होंने 62 गेंदों में शतक ठोकने का कारनामा किया था। आज के दौर में 60-62 गेंदों में शतक लगाना इतना मुश्किल नहीं है, लेकिन 31 साल पहले ऐसी पारी खेलना वाकई अदभुत था। हालांकि अजहर चाहकर भी इस मैच को आज देख नहीं सकते, क्योंकि इस मैच के फुटेज उपलब्ध नहीं है।

इन वजह से दर्शक टीवी पर नहीं देख सके मैच
अजहर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दिसंबर 1988 में 62 गेंद में 100 रन बनाये थे जो उस समय 50 ओवर के क्रिकेट में सबसे तेज शतक था। इस मैच का सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर किया गया था। जब भारत ने लक्ष्य का पीछा करना शुरू किया तो ट्रांसमिशन लिंक चला गया और दर्शक टीवी पर अजहर की इस बेहतरीन पारी को नहीं देख सकें।

उस दिन लग रहा था मैं कुछ गलत नहीं कर सकता
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए अजहर ने कहा, "मेरे 29 अंतरराष्ट्रीय शतकों में से, मुझे शायद ही 10-12 याद हो। लेकिन 31 साल बाद भी न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली विस्फोटक पारी आज भी मेरे दिमाग में ताजा है।" अजहरुद्दीन ने उस दिन को याद करते हुए कहा, "यह मैच मोती बाग पैलेस मैदान में था। एक सुंदर खुला मैदान जहां दर्शकों के अच्छे इंतजाम थे। मुझे लगता है कि मैंने तीन या चार छक्के मारे, जिनमें से दो मैदान के बाहर गए और एक पेड़ से टकराया। उस दिन ऐसा लग रहा था कि मैं कुछ भी गलत नहीं कर सकता और मुझे लगा ही नहीं कि मैंने 60 के करीब गेंद में शतक पूरा कर लिया।"

गेंदबाजों ने लुटाए थे काफी रन
भारतीय गेंदबाजों ने कपिल देव की अनुपस्थिति में उस मैच में बहुत अधिक रन दिए। संजीव शर्मा ने 10 ओवर में 74 रन जबकि राशिद पटेल (10 ओवर में 58) और चेतन शर्मा (10 ओवर में 0/54) भी इकोनॉमी के हिसाब से काफी महंगे साबित हुए। उन दिनों 279 रन का पीछा करना 340 की तरह था। अच्छी बात थी कि मैं उस मैच में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने आया था। मुझे अभी याद नहीं कि मैं दिलीप भाई (वेंगसरकर) के या फिर संजय के आउट होने के बाद आया था। लेकिन अजय शर्मा ने मेरा अच्छा साथ निभाया क्योंकि हमने जल्द ही 100 से ज्यादा रन की साझेदारी बना ली थी।"

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