आईपीएल फ्रेंचाइजियों ने क्रिस मॉरिस और ग्लेन मैक्सवेल पर जमकर लुटाया पैसा, जानिए क्या है वजह?

आईपीएल फ्रेंचाइजियों ने क्रिस मॉरिस और ग्लेन मैक्सवेल पर जमकर लुटाया पैसा, जानिए क्या है वजह?

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-18 15:05 GMT
आईपीएल फ्रेंचाइजियों ने क्रिस मॉरिस और ग्लेन मैक्सवेल पर जमकर लुटाया पैसा, जानिए क्या है वजह?
हाईलाइट
  • क्रिस मॉरिस को राजस्थान रॉयल्स ने 16.25 करोड़ रुपये में खरीदा
  • ग्लेन मैक्सवेल को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने 14 करोड़ रुपए में खरीदा
  • मॉरिस आईपीएल के इतिहास में ऑक्शन में खरीदे जाने वाले सबसे महंगे खिलाड़ी

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। दक्षिण अफ्रीका के ऑलराउंडर क्रिस मॉरिस को राजस्थान रॉयल्स ने 16.25 करोड़ रुपये में खरीदा है। इसी के साथ मॉरिस आईपीएल के इतिहास में ऑक्शन में खरीदे जाने वाले सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए है। इससे पहले युवराज सिंह सबसे महंगे खिलाड़ी थे उन्हें 2015 में दिल्ली डेयरडेविल्स ने 16 करोड़ रुपये में खरीदा था। वहीं ग्लेन मैक्सवेल को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने 14 करोड़ रुपए में खरीदा। ऐसे में सवाल उठता है कि इन दोनों खिलाड़ियों पर इनती मोटी रकम खर्च करने की क्या वजह है?

क्रिस मॉरिस
फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर क्रिस मॉरिस के पास 140 किलोमीटर की रफ्तार से गेंदबाजी करने की क्षमता है। वह तेजी से रन भी बना सकते हैं। 2020 की नीलामी में RCB ने मॉरिस के लिए 10 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस साल उन्हें रिलीज कर दिया गया। हालांकि बोली से पता चलता है कि आरसीबी का मॉरिस को दोबारा टीम में शामिल करने का मन था। मुंबई इंडियंस और पंजाब किंग्स भी उन्हें खरीदना चाहती थी, लेकिन 16.25 करोड़ रुपए में राजस्थान ने उन्हें खरीदा। इस साल के टूर्नामेंट के आखिर में बेन स्टोक्स इंग्लैंड के लिए खेलने के लिए वापस जा सकते हैं। शायद इसी कारण के चलते राजस्थान रॉयल्स ने मॉरिस पर इतना महंगा दाव खेला है।

मॉरिस पिछले साल आईपीएल के पहले कुछ मैचों में चूक गए थे और केवल नौ मैचों के लिए उपलब्ध थे। इसके बावजूद टॉप डेथ ओवर गेंदबाज और आतिशी बल्लेबाजी की क्षमता के चलते रॉयल्स ने इतनी मोटी रकम देकर उन्हें खरीदा है। वह जोफ्रा आर्चर के बेहतरीन बॉलिंग पार्टनर साबित हो सकते हैं। रॉयल्स को पिछले साल के टूर्नामेंट में डेथ ओवरों में मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। ऐसे में अब मॉरिस के आ जाने से राजस्थान उम्मीद कर रही है कि उन्हें इस परेशानी से मुक्ति मिलेगी।

ग्लेन मैक्सवेल
मैक्सवेल की हिटिंग क्षमता से टी-20 मैच का रुख कभी भी बदल सकता है। वहीं भारतीय पिचों पर, उनकी ऑफ-स्पिन गेंदबाजी फ्रंटलाइन बॉलर्स को काफी मदद करती है। मैक्सवेल पॉवरप्ले के अंदर भी गेंदबाजी कर सकते हैं। 2020 की आईपीएल नीलामी में भी मैक्सवेल सबसे महंगे खरीददारों में से एक थे, जब किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें 10.75 करोड़ रुपये में खरीदा था। हालांकि उनके लिए ये सीजन अच्छा नहीं रहा था। उन्होंने इस सीजन में 13 मैचों में 108 रन और सिर्फ 3 विकेट चटकाए थे। पंजाब ने उन्हें इस साल रिलीज कर दिया था। इस साल उन्हें चार करोड़ ज्यादा में खरीदा गया है। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और चेन्नई सुपर किंग्स दोनो मैक्सवेल को खरीदना चाहती थी। आखिरकर बैंगलोर ने बाजी मारी।

बैंगलोर और चेन्नई को थी बड़े हिटिंग ऑलराउंडर की तलाश
बैंगलोर और चेन्नई दोनों एक बड़े हिटिंग ऑलराउंडर की तलाश में थे। आरसीबी ने नीलामी से पहले मोइन अली को रिलीज किया था। वे उनका रिप्लेसमेंट चाहते थे। इसी तरह चेन्नई को शेन वॉटसन का रिप्लेसमेंट चाहिए था। बैंगलोर के पास खिलाड़ियों की खरीद के लिए 35.40 करोड़ रुपए थे जबकि चेन्नई के पास केवल 19.90 करोड़। ऐसे में मैक्सवल को खरीदने में बैंगलोर ने बाजी मारी और चेन्नई पिछड़ गई। हालांकि चेन्नई फ्रैंचाइजी के अंदरूनी सूत्र ने जानकारी दी कि मैक्सवेल उनकी पहली पसंद थे, लेकिन उनके पास इंग्लैंड के मोईन अली के रूप में "एक आदर्श बैकअप" था। मोईन एक बड़े हिटर के साथ ऑप स्पिनर है। सीएसके ने इस सौदे को सील करने के लिए के लिए केवल 7 करोड़ रुपये खर्च किए।

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