9 साल जेल में रहने के बाद पिता-पुत्र बरी

कर्नाटक 9 साल जेल में रहने के बाद पिता-पुत्र बरी

IANS News
Update: 2021-10-22 06:00 GMT
9 साल जेल में रहने के बाद पिता-पुत्र बरी

डिजिटल डेस्क, दक्षिण कन्नड़। दक्षिण कन्नड़ जिले की तीसरी अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत ने विट्टाला मालेकुडिया और उनके पिता लिंगप्पा मालेकुडिया को बरी कर दिया है, जिन्हें 9 साल पहले नक्सलियों से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार को दोनों को बरी कर दिया गया।

नक्सल विरोधी बल (एएनएफ) ने 3 मार्च 2012 को नक्सली होने के आरोप में पिता और पुत्र को गिरफ्तार किया था। उनके घर की तलाशी के दौरान, एएनएफ अधिकारियों ने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह पर एक किताब, एक दूरबीन और अन्य 36 वस्तुओं को हिरासत में लिया था।

चुनावों के बहिष्कार पर उनके लेखन को एक देशद्रोही कृत्य माना गया। मामला वेनूर थाने में दर्ज किया गया था। एएनएफ की चार्जशीट में छठे आरोपी के रूप में विट्टाला मालेकुडिया और सातवें आरोपी के रूप में उनके पिता लिंगन्ना मालेकुडिया का उल्लेख किया गया है।

गिरफ्तारी के समय विट्टाला मालेकुडिया मंगलुरु विश्वविद्यालय में पत्रकारिता में प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे। वह हिरासत में रहते हुए परीक्षाओं में शामिल हुए थे। विट्ठल मालेकुडिया की हथकड़ी में परीक्षा लिखने की तस्वीरें वायरल हुई थीं। न्यायाधीश बसप्पा बलप्पा जकाती ने उन्हें बरी करने का आदेश दिया। बरी किए गए लोगों की ओर से अधिवक्ता दिनेश उलेपाडी पेश हुए।

आईएएनएस

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