बुलबुल के जरिए चुडै़ल की परिभाषा बदलना चाहती हैं अन्विता दत्त

बुलबुल के जरिए चुडै़ल की परिभाषा बदलना चाहती हैं अन्विता दत्त

IANS News
Update: 2020-06-26 07:31 GMT
बुलबुल के जरिए चुडै़ल की परिभाषा बदलना चाहती हैं अन्विता दत्त

नई दिल्ली, 26 जून (आईएएनएस)। अन्विता दत्त निर्देशित फिल्म बुलबुल में महिला के डरावने चित्रण या उसे चुड़ैल दिखाने के लिए केवल लंबे बाल, उल्टे पांव, खून की भूख, बदला लेने की चाहत जैसी विशेषताओं का इस्तेमाल नहीं किया गया।

बल्कि अन्विता ने इन सभी लक्षणों का इस्तेमाल एक ऐसी अन्यायी महिला की कहानी बताने के लिए किया है जो अपनी मासूमियत को छीनने वाले लोगों से बदला लेने के लिए देवी (देवी) अवतार लेती है। वह उत्पीड़ित और दुर्व्यवहार करने वाली महिलाओं के लिए खड़ी होती है।

वह अपनी थ्रिलर फिल्म बुलबुल के माध्यम से इस परिभाषा को बदलना चाहती हैं।

अन्विता ने आईएएनएस को बताया, भारत में छोटी लड़कियों को यह शब्द बहुत सुनना पड़ता है। जब आप गलियारे में चलते हैं, आपके बाल खुले हैं, आप जोर से बोलते हैं तो आप एक चुडै़ल हैं। कोई ऐसा व्यक्ति जिसे समझा नहीं जाता है, जो किसी बॉक्स में फिट नहीं बैठता है तो वह चुड़ैल बन जाता है। यह समझ और स्वीकृति की कमी है। जब भी आप कुछ नहीं समझते हैं, तो आप इससे डरते हैं।

बुलबुल, एक पीरियड ड्रामा है, जो एक चुडै़ल की कहानी पर बना है।

यह 24 जून को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुआ। यह अनुष्का शर्मा और उनके भाई द्वारा निर्मित है। इसमें तृप्ति डिमरी, अविनाश तिवारी, राहुल बोस, पाओली और परमब्रत चटर्जी भी हैं।

Tags:    

Similar News