दर्शकों को पसंद आ रहा मॉर्निंग मूवी शो, मूवी नाइट का कांसेप्ट हुआ पुराना

दर्शकों को पसंद आ रहा मॉर्निंग मूवी शो, मूवी नाइट का कांसेप्ट हुआ पुराना

Anita Peddulwar
Update: 2018-11-12 10:58 GMT
दर्शकों को पसंद आ रहा मॉर्निंग मूवी शो, मूवी नाइट का कांसेप्ट हुआ पुराना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दिनों-दिन बढ़ती भारतीय सिनेमा की लोकप्रियता अपने साथ नए-नए ट्रेंड भी ला रही है। सिनेमा संस्कृति की खासियत है कि यह दर्शकों के बदलते रुझान के साथ स्वयं को उनके सांचे में ढाल रही है। तभी तो वेबसीरिज और इंटरटेनमेंट के तमाम अत्याधुनिक साधनों के बाद भी सिनेमा दर्शकों की पहली प्राथमिकता है। सिनेमा का मजा तब और बढ़ जाता है, जब सिनेमाघर और शो का समय अपनी पसंद का हो। एक वक्त था जब लोग  दोपहर 12 बजे  के मैटिनी शो के लिए सिनेमाघरों के बाहर भीड़ लगाते थे, धीरे-धीरे यह रुख डिनर और लेट नाइट शो की ओर झुका, लेकिन अब एक नया ट्रेंड संतरानगरी के बाशिंदो पर छाया है। शहर में तड़के सुबह 6.30 बजे सिनेमाघरों में फिल्म देखने लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ पहुंच रहे हैं। शहर बेसा स्थित एक मल्टीप्लेक्स में सुबह 6.30 बजे फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ देखने पहुंचे कुछ दर्शकों से भास्कर ने बात की।

शाम को रहती है भीड़
शहर में धीरे-धीरे एक के बाद एक सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर बंद होते गए। जिससे लोगों के पास विकल्प घट गए हैं। दूसरी स्थिति यह है कि जब भी कोइ मल्टीस्टारर या बड़े अभिनेता की फिल्म रिलीज होती है, तो उसके रिलीज के पूर्व ही उसकी डिमांड बढ़ जाती है। नागपुर में फिल्म प्रेमियों की संख्या अधिक है, ऐसे वक्त में अधिकांश सिनेमाघरों में खासाकर विकेंड पर हाउसफुल के बोर्ड लग जाते हैं। जो चुनिंदा शो बचते हैं, उनकी टिकटों की दरें आसमान छूती हैं। इसके समाधान स्वरूप शहर के कुछ सिनेमाघरों ने सुबह 6.30 बजे के शो शुरू कर दिए हैं। इनके टिकट भी सस्ते होते हैं और हाउसफुल का झंझट भी नहीं होता। ऐसे में धीरे-धीरे लोग सुबह के शो को ही अपनी पसंद बना रहे हैं।

समय की बचत
सुबह 6.30 बजे का शो देखने आने के पीछे की वजह है कि इससे समय की बचत हो जाती है। सुबह का शो देखने के बाद हम दिन में अपने काम निपटा सकते हैं। अब तक ऐसा होता था कि जिस दिन फिल्म देखने जाना हो, तो कम से कम 3 घंटे चले जाते, दिन भर के बाकी काम रुक जाते। ऐसे में सुबह का समय ही हमारे लिए सबसे बढ़िया है।

सस्ते मिलते हैं टिकट
सुबह के शो के टिकट सस्ते होते हैं। वरना कोई बड़ी फिल्म हो और उसे दिन में या रात के शो टायमिंग में देखना हो ताे अच्छी खासी जेब ढीली करनी पड़ती है। सुबह-सवेरे का शो हो तो पैसों की बचत होती है, इसलिए सुबह का शो ही सबसे उपयुक्त है। इसमें डिस्टर्बेंस भी कम होता है, क्योंकि अमूमन अच्छा वर्ग ही इतनी सुबह फिल्म देखने आता है।
-रोशन घुबाडे
-पराग कोहले

भीड़ की झंझट नहीं
सुबह के शो में हाउसफुल का झंझट नहीं होता। अन्य टायमिंग की तुलना में सुबह सीटें ज्यादा खाली हाेती हैं। सुबह के समय में फिल्म देखने से न केवल समय की बचत होती है, बल्कि टिकट भी सस्ते मिलते हैं। जो फिल्म के टिकट बाकि टायमिंग पर 270 रुपए के हैं, वही सुबह के समय में 90 रुपए के हैं।
-सी. बी. शर्मा

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