ईरानी बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान ने की भारत को एक्सपोर्ट की शुरुआत

ईरानी बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान ने की भारत को एक्सपोर्ट की शुरुआत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-24 19:02 GMT
ईरानी बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान ने की भारत को एक्सपोर्ट की शुरुआत
हाईलाइट
  • अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए युद्धग्रस्त देश ने अब विदेशी बाजारों का रुख किया है।
  • ईरानी बंदरगाह के जरिए रविवार को अफगानिस्तान ने भारत को एक्सपोर्ट करने की शुरुआत की है।
  • ज़ारांज से ईरान के चाबहार बंदरगाह तक 57 टन ड्राई फ्रूट्स
  • टैक्सटाइल
  • कालीन और खनिज उत्पाद से लदे 23 ट्रक भेजे गए।

डिजिटल डेस्क, काबुल। ईरानी बंदरगाह के जरिए रविवार को अफगानिस्तान ने भारत को एक्सपोर्ट करने की शुरुआत की है। अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए युद्धग्रस्त देश ने अब विदेशी बाजारों का रुख किया है। अधिकारियों ने कहा कि पश्चिमी अफगान शहर ज़ारांज से ईरान के चाबहार बंदरगाह तक 57 टन ड्राई फ्रूट्स, टैक्सटाइल, कालीन और खनिज उत्पाद से लदे 23 ट्रक भेजे गए। इस खेप को भारतीय शहर मुंबई तक पहुंचाया जाएगा।

नए एक्सपोर्ट रूट के उद्घाटन पर, राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि अफगानिस्तान अपने व्यापार घाटे को कम करने के लिए अपने निर्यात में धीरे-धीरे सुधार कर रहा है। उन्होंने कहा, "चाबहार बंदरगाह भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच स्वस्थ सहयोग का परिणाम है, इससे आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित होगी।" ईरानी बंदरगाह अफगानिस्तान को समुद्र तक आसान पहुंच प्रदान करता है और भारत ने इस मार्ग को विकसित करने में उसकी मदद की है ताकि दोनों देश पाकिस्तान को बायपास कर व्यापार कर सकें।

पिछले साल अमेरिकी सरकार ने कुछ अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट दी थी। इस कारण ही ईरान में विकसित किए जा रहे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह और इसे अफगानिस्तान से जोड़ने वाली रेलवे लाइन के निर्माण की मंजूरी मिली थी। अधिकारियों ने कहा, भारत ने चाबहार के जरिए 1.1 मिलियन टन गेहूं और 2,000 टन दाल अफगानिस्तान भेजी है। दोनों देशों ने 2017 में एक एयर कॉरिडोर की स्थापना की। भारत में अफगान निर्यात 2018 में 740 मिलियन डॉलर रहा, जो इसे सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन बनाता है।

बता दें कि चाबहार प्रोजेक्ट एक प्रमुख संपर्क कार्यक्रम है जो भारत को न केवल अफगानिस्तान, बल्कि मध्य एशिया से भी जोड़ने में मदद करेगा। यह परियोजना इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर का भी हिस्सा है जो ईरान और अजरबैजान के रास्ते मुंबई को मास्को से जोड़ेगी। चाबहार पोर्ट पाकिस्तान स्थित ग्वादर पोर्ट से मात्र 80 किलोमीटर की दूरी पर है। इस पोर्ट पर चीन का नियंत्रण है। चाबहार पोर्ट का कमर्शियल ऑपरेशन 30 दिसंबर 2018 से शुरू हुआ था।
 

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