परमाणु : अमेरिकी विदेश मंत्री ने ईरान को दी धमकी, कहा- रुक जाओ वरना...

परमाणु : अमेरिकी विदेश मंत्री ने ईरान को दी धमकी, कहा- रुक जाओ वरना...

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-24 09:38 GMT
परमाणु : अमेरिकी विदेश मंत्री ने ईरान को दी धमकी, कहा- रुक जाओ वरना...
हाईलाइट
  • इसको लेकर अमेरिका ने उसे कड़ी चेतावनी भी दी है।
  • अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने धमकी देते हुए ईरान से कहा कि अगर उसने परमाणु हथियार बनाना जारी रखा तो तेहरान को दुनियाभर के क्रोध का सामना करना पड़ेगा।
  • ईरान लगातार परमाणु हथियार बनाता जा रहा है।

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। परमाणु हथियार आज दुनिया के लिए एक बड़ा संकट बन गया है। इसको लेकर पहले अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनातनी बनी हुई थी। किसी तरह इन दोनों की दोस्ती हुई, तो अब अमेरिका के सामने ईरान एक बड़ी समस्या बनकर खड़ा हुआ है। ईरान लगातार परमाणु हथियार बनाता जा रहा है। इसको लेकर अमेरिका ने उसे कड़ी चेतावनी भी दी है। शनिवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने धमकी देते हुए ईरान से कहा कि अगर उसने परमाणु हथियार बनाना जारी रखा तो तेहरान को दुनियाभर के क्रोध का सामना करना पड़ेगा।

बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ पॉलिटिकल कॉलमिस्ट हग हेविट के साथ इंटरव्यू कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि वे समझते हैं कि अगर उन्होंने अपने परमाणु कार्यक्रम को बढ़ाना शुरू किया तो पूरी दुनिया के क्रोध का सामना करना होगा।" उन्होंने उम्मीद के साथ कहा कि उन्हें मुझे लगता है कि फिलहाल ईरान के खिलाफ अमेरिका को सैन्य कार्रवाई नहीं करनी पड़ेगी। इंटरव्यू में पॉम्पिओ ने कहा कि अगर ईरान और हथियार बनाने लगे, अगर उन्होंने हथियार कार्यक्रम की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया तो यह पूरी दुनिया को अस्वीकार्य होगा और हम उस रास्ते को ही खत्म कर देंगे, जो मुझे नहीं लगता कि ईरान के हित में होगा।

पॉम्पिओ ने कहा कि ईरान के साथ अंतरराष्ट्रीय परमाणु डील का भाग्य कुछ भी रहा हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उसे परमाणु हथियार हासिल करने का अधिकार मिल गया। क्या ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए अमेरिका कुछ भी करेगा? वाले सवाल पर पॉम्पिओ ने कहा, "राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने बयानों में साफ कह चुके हैं कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं कर पाएगा।"

ईरान को धमकी और क्रोध वाली बात पर पॉम्पिओ ने सफाई देते हुए कहा, "जब मै क्रोध की बात कर रहा हूं तो इसका मतलब सैन्य कार्रवाई नहीं है। जब मैं क्रोध कह रहा हूं, तो मेरा मतलब वैश्विक स्तर पर निंदा और आर्थिक पाबंदियां है, जिनका ईरान को सामना करना पड़ेगा। मैं यह कहना चाहता हूं। मैं सैन्य कार्रवाई की बात नहीं कर रहा है। मैं सच में उम्मीद करता हूं कि इसकी जरूरत न पड़े। यह किसी के भी हित में नहीं होगा।"

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