अशकिन,मोउरो और डोना को फिजिक्स का नोबल पुरस्कार , किया था ये आविष्कार

अशकिन,मोउरो और डोना को फिजिक्स का नोबल पुरस्कार , किया था ये आविष्कार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-02 11:59 GMT
अशकिन,मोउरो और डोना को फिजिक्स का नोबल पुरस्कार , किया था ये आविष्कार
हाईलाइट
  • आर्थर अशकिन
  • गेरार्ड मोउरो और डोना स्ट्रिकलैंड को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
  • डोना स्ट्रिकलैंड फिजिक्स में 55 साल बाद पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला हैं।
  • लेजर फिजिक्स के क्षेत्र में अमुल्य योगदान के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया जाएगा।

डिजिटल डेस्क, स्टॉकहोम। फिजिक्स के क्षेत्र में अमुल्य योगदान के लिए आर्थर अशकिन, गेरार्ड मोउरो और डोना स्ट्रिकलैंड को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार को इसका ऐलान किया। अशकिन, मोउरो और डोना को यह अवार्ड लेजर फिजिक्स के क्षेत्र में किए गए आविष्कारों के लिए दिया जाएगा।

अशकिन यह अवार्ड जीतने वाले सबसे उम्रदराज वैज्ञानिक
डोना स्ट्रिकलैंड फिजिक्स में 55 साल बाद पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला हैं। इससे पहले फिजिक्स के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार मारिया गोएपर्ट को 1963 में न्यूक्लियर स्ट्रक्चर की खोज के लिए दिया गया था। वहीं मैडम क्यूरी 1903 में फिजिक्स के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला थीं। जबकि 96 वर्ष के संयुक्त राज्य अमेरिका के आर्थर अशकिन यह पुरस्कार जीतने वाले सबसे उम्रदराज वैज्ञानिक हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस पुरस्कार का आधा हिस्सा आर्थर को जबकि आधा हिस्सा संयुक्त रूप से फ्रांस के जेरार्ड मोउरो और कनाडा की डोना स्ट्रिकलैंड को दिया जाएगा।

आर्थर अशकिन, गेरार्ड मोउरो और डोना स्ट्रिकलैंड को क्यों मिला यह अवार्ड
स्ट्रिकलैंड और मोउरो ने बहुत छोटे और तीव्र लेजर पल्सों का विकास किया है। इस लेजर पल्स को "चिर्प्ड पल्स एम्पलीफिकेशन" के नाम से जाना जाता है। इस पल्स के आने से साइंटिस्टों के लिए किसी भी सामग्री और जीवित पदार्थ में सटीक कट या ड्रिल करना संभव बना दिया है। उनके इस आविष्कार ने लाखों लोगों के लिए आखों का ऑपरेशन मददगार साबित हुआ है।

जबकि अशकिन ने एक ऐसा आविष्कार किया है जिससे वैज्ञानिकों को "लेजर बीम फिंगर्स" द्वारा छोटी वस्तुओं को पकड़ना, निरीक्षण करना और स्थानांतरित करना संभव बना दिया है। इसका मतलब यह है कि कोई भी लेबोरेटरी अब वायरस, बैक्टीरिया और अन्य लिविंग सेल्स को बिना नुकसान पहुंचाए कुशलतापूर्वक जांच और उपयोग कर सकती है।

जेम्स एलिसन और तासुकू होन्जो को मिला मेडिसिन का नोबल पुरस्कार
इससे पहले सोमवार को रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज ने फीजियोलॉजी या मेडिसिन के लिए साल 2018 का नोबल पुरस्कार की घोषणा भी की थी। इस पुरस्कार के लिए इस साल जेम्स पी एलिसन और तासुकू होन्जो को चुना गया है। उन्हें यह पुरस्कार कैंसर थैरेपी के इलाज के लिए दिया जाएगा। कैंसर से लड़ने के लिए इन दोनों वैज्ञानिकों ने एक ऐसी थैरेपी विकसित की है, जिससे शरीर के अंदर मौजूद सेल्स के इम्यून सिस्टम को कैंसर ट्यूमर से लड़ने में मदद मिलेगी।

वहीं इस साल स्वीडिश अकेडमी ने साहित्य के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार नहीं देने का निर्णय लिया है। पिछले 70 साल में पहली बार ऐसा है कि साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा।

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