राजीव गांधी की हत्या नहीं होती तो हल हो जाता कश्मीर मुद्दा : जरदारी

राजीव गांधी की हत्या नहीं होती तो हल हो जाता कश्मीर मुद्दा : जरदारी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-06 13:23 GMT

डिजिटल डेस्क, लाहौर। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने लाहौर में चुनावी रैली के दौरान एक बड़ा खुलासा किया। जरदारी ने कहा कि अगर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की अचानक हत्या नहीं होती तो कश्मीर समस्या हल हो सकती थी। उन्होंने कहा, "राजीव गांधी और पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो कश्मीर समस्या को हमेशा के लिए सुलझाने के करीब थे।"

पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के को-चेयरमैन जरदारी ने बताया, "बेनजीर भुट्टो सौहार्दपूर्ण तरीके से कश्मीर समस्या का हल निकालना चाहती थी। इसके लिए उन्होंने राजीव गांधी से 1990 में बात की थी। दोनों ने इस बात पर सहमति जताई थी कि कश्मीर मुद्दे को मैत्रीपूर्ण तरीके से हल किया जाएगा, लेकिन राजीव गांधी की हत्या के चलते ऐसा नहीं हो सका।"

जरदारी ने यह भी बताया कि राजीव गांधी कश्मीर को एक महत्वपूर्ण मुद्दा मानते थे और इसका समाधान निकालना चाहते थे। जरदारी ने बताया, "राजीव ने अपने चुनावी अभियान में भी कहा था कि सत्ता में आने के बाद वे इस मुद्दे का हल निकालने के लिए पाकिस्तान से बात करेंगे, लेकिन 1991 में उनकी हत्या हो गई।" जरदारी ने इस दौरान यह भी दावा किया कि पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सरकार के अलावा किसी अन्य पार्टी ने कभी इस मुद्दे का हल निकालना नहीं चाहा। उन्होंने कहा, "पीपीपी हमेशा से इस मद्दे को लेकर गंभीर  रही है।बेनजीर के बाद 2008 से 2013 के दौरान पीपीपी की सरकार ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सामने भी कश्मीर मुद्दे सुलझाने के लिए पहल की थी।"

जरदारी ने अपनी चुनावी रैली में यह भी कहा कि पूर्व आर्मी चीफ और राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ भी कश्मीर को लेकर एक खुफिया प्लान पर काम कर रहे थे, लेकिन पाकिस्तानी सेना के अन्य बड़े अफसरों उनसे सहमत नहीं थे। जरदारी ने यह भी बताया कि उनके पास मुशर्रफ के उस सीक्रेट कश्मीर प्लान की कॉपी भी है।

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