चीन ने की तिब्बत में होवित्जर तोपों की तैनाती, बढ़ेगी सैन्य क्षमता

चीन ने की तिब्बत में होवित्जर तोपों की तैनाती, बढ़ेगी सैन्य क्षमता

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-08 18:27 GMT
चीन ने की तिब्बत में होवित्जर तोपों की तैनाती, बढ़ेगी सैन्य क्षमता
हाईलाइट
  • 2017 में डोकलाम विवाद के दौरान आर्टिलरी ब्रिगेड को यहीं तोप उपलब्ध कराई गई थीं।
  • इन तोपों को वाहनों पर रखकर आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है।
  • सीमा पर सैन्य क्षमता को बढ़ाने के लिए चीन ने भारत से सटे तिब्बत में होवित्जर तोपों की तैनाती की है।

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। सीमा पर सैन्य क्षमता को बढ़ाने के लिए चीन ने भारत से सटे तिब्बत में होवित्जर तोपों की तैनाती की है। 2017 में डोकलाम विवाद के दौरान आर्टिलरी ब्रिगेड को यहीं तोप उपलब्ध कराई गई थीं। इन तोपों को वाहनों पर रखकर आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है। बता दें कि चीन ने यहां पर पहले से ही हल्के युद्धक टैंकों को तानात कर रखा है।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि तिब्बत में पीपल्स लिबरेशन आर्मी को मजबूती देने के लिए मोबाइल होवित्जर तोपों की तैनाती की गई है।  PLC-181 मोबाइल होवित्जर तोपें 50 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज तक मार कर सकने में सक्षम हैं। इसमें लेजर-गाइडेड और सैटेलाइट-गाइडेड प्रोजेक्टाइल हैं। मिलिट्री एक्सपर्ट सोंग झोंगपिंग ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि तिब्बत के अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में पब्लिक लिबरेशन आर्मी की इससे ताकत बढ़ेगी।

भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि होवित्जर तोपें हिमालय के पठार के उबड़-खाबड़ और पहाड़ी इलाकों में काम करते हुए चीनी सैनिकों को एक बेहतर फ्लेक्सिबिलिटी देगी। सूत्रों ने कहा कि तिब्बत सीमा पर चीनी अपनी क्षमता बढ़ा रहे हैं। हालांकि यह आज चिंता का कारण नहीं हो सकता है, लेकिन लंबे समय के प्रभाव को ध्यान में रखा जाना चाहिए। क्योंकि चीन के पास उत्कृष्ट सड़क और रेल नेटवर्क है। इतना ही नहीं चीन ने अपनी हथियार प्रणालियों में भी सुधार किया है।

बता दें कि पिछले हफ्ते चीन के राष्ट्रपति और सैन्य प्रमुख शी जिनपिंग ने कहा था कि चीन के लिए जोखिम और चुनौतियां बढ़ रही हैं। उन्होंने सशस्त्र बलों को आदेश दिया था कि वे युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहें। चीन के रक्षा विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि सीमा विवाद सुलझ नहीं सका है और तिब्बत की आजादी के लिए संघर्षरत लड़ाकों की फौज के साथ आतंकी खतरे अभी मौजूद हैं।  

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