UNSC के बयान में जैश का जिक्र, चीन बोला - ये किसी फैसले को प्रदर्शित नहीं करता
UNSC के बयान में जैश का जिक्र, चीन बोला - ये किसी फैसले को प्रदर्शित नहीं करता
- इसके एक दिन बाद चीन ने कहा कि आतंकी संगठन का जिक्र सिर्फ सामान्य संदर्भ में किया गया है।
- पुलवामा आतंकी हमले की गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने कड़ी निंदा की थी।
- बयान में हमले के जिम्मेदार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का भी जिक्र किया गया था।
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। पुलवामा आतंकी हमले की गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने कड़ी निंदा की थी। बयान में हमले के जिम्मेदार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का भी जिक्र किया गया था। हालांकि इसके एक दिन बाद ही UNSC के स्थायी सदस्य चीन ने कहा कि आतंकी संगठन का जिक्र सिर्फ सामान्य संदर्भ में किया गया है और यह किसी फैसले को प्रदर्शित नहीं करता। बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब चीन ने जैश-ए-मोहम्मद को लेकर हमदर्दी दिखाई हो। इससे पहले भी वह कई बार ऐसा कर चुका है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि बीजिंग आतंकी घटना से जुड़े डेवलपमेंट पर बारीकी से नजर रख रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि "चीन ने यह भी नोट किया कि पाकिस्तानी सरकार ने जांच में भारत के साथ सहयोग करने के लिए तत्परता दिखाई और यह भी कि वह भारत के साथ बातचीत के माध्यम से मतभेदों को हल करने के लिए तैयार है।" चीन को उम्मीद है कि सभी पक्ष इस हमले की सच्चाई का पता लगाने के लिए काम करेंगे। शुआंग ने कहा, "हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान और भारत संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए बातचीत करेंगे"।
UNSC के गुरुवार को दिए बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंक रोधी 1267 समिति में पिछले 10 वर्षों से JeM प्रमुख मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट की सूची में शामिल करने को लेकर अड़ंगा लगाता रहा है। 2009, 2016 और 2017 में चीन ने पाकिस्तान के इशारे पर अपनी पावर का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट की सूची में शामिल करने से बचा लिया था।
बता दें कि गुरुवार को UNSC की ओर से जारी किए गए प्रेस स्टेटमेंट में कहा गया था कि "सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर में जघन्य और कायरतापूर्ण आत्मघाती बम विस्फोट की कड़े शब्दों में निंदा की, जिसके परिणामस्वरूप 14 फरवरी, 2019 को 40 से अधिक भारतीय अर्धसैनिक बलों के जवान शहीद और दर्जनों घायल हो गए थे। सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने पीड़ित परिवारों के साथ-साथ भारतीय लोगों और भारत सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और जो लोग घायल हुए थे, उनके शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना की थी।