भारत के ऐतराज के बावजूद, चीन बनाएगा पाकिस्तान तक आर्थिक गलियारा

भारत के ऐतराज के बावजूद, चीन बनाएगा पाकिस्तान तक आर्थिक गलियारा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-10 05:41 GMT
भारत के ऐतराज के बावजूद, चीन बनाएगा पाकिस्तान तक आर्थिक गलियारा

डिजिटस डेस्क, बीजिंग। हाल ही में भारत-चीन के बीच डोकलाम विवाद ठंडा हुआ है, लेकिन चीन अब दूसरी तरफ से भारत के कान पकड़ने की कोशिश कर रहा है। चीन ने पाकिस्तान से आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के साथ आतंकवाद रोधी और सुरक्षा सहयोग मजबूत करने संधि कर ली है। जिसके तहत चीन पाक को आर्थिक सहायता करेगा। 

भारत के लिहाज से ये आर्थिक गलियारा इसलिए चिंताजनक है, क्योंकि ये पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से होकर गुजरेगा। चीन और पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया में बताने की कोशिश की है कि ये आर्थिक गलियारा आतंकवाद को रोकने में भी कारगर होगा, लेकिन पिछले रिकॉर्ड को उठाकर देकें तो चीन इस तरह की संधियों के जरिए पाक के आतंकवादियों की मदद करता है।

बीजिंग में संपन्न हुए ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवादियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान की मदद करने के लिए चीन को पीएम नरेंद्र मोदी ने सख्त लहजे में संदेश दिया था। अंतरराष्ट्रीय मंच से संदेश मिलने के बावजूद भी चीन पाकिस्तान की मदद करने की तैयारी कर चुका है।

आर्थिक गलियारे को समझें

चीन और पाकिस्तान रेल और सड़क परियोजनाओं के जरिए दोनों देशों के अशांत इलाकों को जोड़ने की तैयारी में हैं। इस प्रोजेक्ट पर 50 अरब डॉलर खर्च होंगे। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) उत्तर पश्चिम चीन में शिनजियांग प्रांत को दक्षिण पश्चिम पाकिस्तान में अरब सागर में ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है। इसे दोनों क्षेत्रों के इस्लामिक आतंकवादियों से खतरा है।

चीन ने तैनात किए 15,000 सैनिक

कम्युनिस्ट पार्टी की सेन्ट्रल कमेटी के राजनीतिक एवं कानूनी मामलों के आयोग के प्रमुख मेंग जियांझू ने यहां की यात्रा पर आए पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासीर खान जांजुआ से मुलाकात की और उस दौरान सुरक्षा सहयोग समझौता किया गया। खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान ने सीपीईसी से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों की रक्षा के लिए 15,000 सैनिकों को तैनात किया है। 

 

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