पाकिस्तान : लोकतंत्र के लिए गोली खाने वाले डॉ. आरिफ अल्वी बने 13वें राष्ट्रपति

पाकिस्तान : लोकतंत्र के लिए गोली खाने वाले डॉ. आरिफ अल्वी बने 13वें राष्ट्रपति

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-04 16:47 GMT
पाकिस्तान : लोकतंत्र के लिए गोली खाने वाले डॉ. आरिफ अल्वी बने 13वें राष्ट्रपति
हाईलाइट
  • PTI के कार्यकर्ता बताते हैं कि पाकिस्‍तान में लोकतंत्र के लिए संघर्ष के दौरान उन्हें गोली भी लग चुकी है।
  • पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के डॉ आरिफ अल्वी पाकिस्तान के 13वें राष्ट्रपति चुने गए हैं।
  • वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी माने जाते हैं।

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद।  पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के डॉ. आरिफ अल्वी पाकिस्तान के 13वें राष्ट्रपति चुने गए हैं। डॉ. आरिफ अल्वी पेशे से डेंटिस्ट हैं। वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी माने जाते हैं। PTI के कार्यकर्ता बताते हैं कि पाकिस्‍तान में लोकतंत्र के लिए संघर्ष के दौरान उन्हें गोली भी लग चुकी है। आरिफ 9 सितंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। नेशनल असेंबली और सीनेट के सदस्यों द्वारा किए गए 432 वोटों में से अल्वी ने 212 वोट हासिल किए। जबकि विपक्षी मौलाना फजलुर रहमान को 131 वोट मिले। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के ऐतजाज अहसान ने 81 वोट मिले जबकि छह वोट रद्द कर दिए गए।

एक रिपोर्ट के अनुसार सभी विधानसभा और सीनेट में मतदान सुबह 10 बजे एक साथ शुरू किया गया। बलूचिस्तान के 61 विधानसभा सदस्यों में से 60 ने अपने वोट डाले। इसमें से PTI के अल्वी ने 45 वोट हासिल किए, जबकि 15 सांसदों ने रहमान के लिए मतदान किया। PPP के अहसान कोई वोट प्राप्त करने में नाकाम रहे। वहीं सिंध विधानसभा क्षेत्र में, PPP के अहसान ने 100 वोट हासिल किए। वहीं डॉ अल्वी के हिस्से में 56 वोट आए। एक वोट को रद्द कर दिया गया। खैबर पख्तुनख्वा के 109 विधानसभा वोट में से डॉ अल्वी को 78 वोट मिला, जबकि रहमान और अहसान के नाम क्रमश: 26 और पांच वोट थे। पंजाब विधानसभा से डॉ अल्वी ने 186 वोट हासिल किए, जबकि रहमान और अहसान को क्रमशः 141 और छह वोट मिले। 18 वोट खारिज कर दिए गए थे।


चुनाव जीतने के बाद क्या कहा डॉ अल्वी ने...
चुनाव जीतने के बाद डॉ अल्वी ने कहा कि वह पार्टी चीफ इमरान खान के आभारी हैं, जिन्होंने उन्हें इतना बड़ा उत्तरदायित्व दिया। उन्होंने कहा, मैं खुदा का शुक्रगुजार हूं कि आज राष्ट्रपति पद के मतदान में मैं सफल रहा। मुझे उम्मीद है कि अगले पांच साल में गरीबों के लिए हम बेहतर काम कर सकेंगे। इसके साथ ही उनके लिए भोजन, रहने के लिए सही जगह और कपड़े का इंतजाम भी किया जाएगा। आज से मैं सिर्फ अपनी ही पार्टी का नहीं बल्कि पूरे देश और सभी पार्टियों का अध्यक्ष हूं। सभी पार्टी का मुझ पर बराबर का अधिकार है।

कौन हैं डॉ आरिफ अल्वी? पाकिस्‍तान में लोकतंत्र के लिए संघर्ष में क्या है उनका योगदान?
बता दें कि डॉ अल्वी के पास राजनीति में पांच दशकों का अनुभव है। उनका राजनैतिक जीवन 1967 में शुरू हुआ था। उस वक्त जनरल अयूब खान पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे। वह लगातार अयूब खान के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल होत रहते थे। PTI के कार्यकर्ताओं के मुताबिक लाहौर में विरोध प्रदर्शन के दौरान अल्‍वी को गोली भी लग चुकी है। कहते हैं आज भी उस गोली का निशान उनके दांए हाथ में मौजूद है। डॉ अल्‍वी इसे पाकिस्‍तान में लोकतंत्र के लिए अपने संघर्ष की निशानी करार देते हैं।

1979 में अल्वी बतौर नेता पॉलिटिक्स में एंट्री ली। 1996 में उन्होंने PTI ज्वाइन कर लिया। उन्‍होंने साल 1997 और 2002 में सिंध की सीट से नेशनल एसेंबली के लिए चुनाव लड़ा। हालांकि इन चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2006 में उन्हें पार्टी का सेक्रेटरी जनरल बना दिए गए। साल 2013 में उन्‍होंने कराची से नेशनल एसेंबली का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद उन्हें पार्टी महासचिव बना दिया गया।

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