PAK में हिंदुओं के जबरिया धर्मांतरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील

PAK में हिंदुओं के जबरिया धर्मांतरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-19 07:59 GMT
PAK में हिंदुओं के जबरिया धर्मांतरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील

टीम डिजिटल, इस्लामाबाद. पाकिस्तान हिंदू काउंसिल ने अपने धर्म अधिकारों के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैं. लगातार बढ़ंते नाबालिग हिंदू लड़कियों के अपहरण, जबरन धर्मांतरण और जबर्दस्ती शादी करवाए जाने को कोर्ट में अपील की गई है. काउंसिल ने कोर्ट से इस मामले में खुद संज्ञान लेने का आग्रह किया है. आपको बता दें पाक के सिंध प्रांत में हिंदू लड़कियों को किडनैप कर जबरन उनकी शादी मुसलमानों के साथ कराए जाने की घटनाएं आम हैं.

इससे पहले पाकिस्तान के ही थारपारकर जिले में रहने वाले एक हिंदू परिवार ने आरोप लगाया था कि उनकी 16 साल की बेटी राविता मेघवाड़ का अपहरण कर पहले उसका जबरन धर्मांतरण कराया गया और फिर उसकी शादी दोगुनी उम्र के एक मुस्लिम शख्स से कर दी गई. इस घटना को 15 दिन से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अभी भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है. पाकिस्तानी मीडिया ने भी इस केस तवज्जो नहीं दी.

'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की एक खबर के मुताबिक, काउंसिल ने एक बयान जारी कर कहा, 'जिस इलाके से राविता का अपहरण हुआ, वहां स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है. खबर है कि पीड़ित परिवार को उनका घर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया.' काउंसिल के प्रमुख वंकवानी ने राविता को आजाद कराए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि, इस तरह की घटनाओं को सामाजिक अपराध माना जाएगा, लेकिन सिंध में नफरत उगलने वाली ताकतें इसे मजहब की आड़ में अच्छे काम की तरह पेश कर रही हैं.

वंकवानी ने कहा कि सिंध के हालात बिल्कुल अलग हैं. यहां हिंदू लड़कियों का अपहरण करके उनका धर्मपरिवर्तन करना मकसद है, ताकि बिना उनकी मर्जी के जबरन उनसे शादी की जा सके. पिछले साल सिंध विधानसभा ने इस बिल को एकमत से पास कर दिया था, लेकिन गर्वनर ने इसपर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. उनके हस्ताक्षर के बाद ही ये बिल आधिकारिक कानून की शक्ल ले सकता है. गर्वनर ने बिल को वापस विधानसभा के पास भेजकर उनसे दोबारा इसपर विचार करने को कहा.

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