न्यूक्लियर डील अगर देशहित में नहीं है तो हम हटने को तैयार- ईरान

न्यूक्लियर डील अगर देशहित में नहीं है तो हम हटने को तैयार- ईरान

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-29 19:20 GMT
न्यूक्लियर डील अगर देशहित में नहीं है तो हम हटने को तैयार- ईरान
हाईलाइट
  • अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल मई में समझौते को दोषपूर्ण करार देकर इससे हटने का एलान कर दिया था।
  • अयातुल्ला अली खामेनी ने कहा परमाणु समझौता अगर देश हित में नहीं रहा है तो उनकी सरकार इससे हटने के लिए तैयार हो जाए।
  • साल 2015 में ईरान ने अमेरिका
  • रूस
  • फ्रांस
  • ब्रिटेन
  • चीन और जर्मनी के साथ परमाणु समझौता किया था।

डिजिटल डेस्क, तेहरान। अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी ने बुधवार को कहा कि परमाणु समझौता अगर देश हित में नहीं रहा है तो उनकी सरकार इससे हटने के लिए तैयार हो जाए। उन्होंने यह भी दोहराया कि इस मसले पर उनका देश अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के साथ कोई बातचीत नहीं करेगा। बता दें कि साल 2015 में ईरान ने अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन और जर्मनी के साथ परमाणु समझौता किया था। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल मई में समझौते को दोषपूर्ण करार देकर इससे हटने का ऐलान कर दिया और तीन हफ्ते पहले उस पर फिर प्रतिबंध थोप दिए।

यूरोपीय संघ से जारी रखी जाए बातचीत
खामनेई ने कहा, "स्वाभाविक तौर पर अगर हम इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि यह अब हमारे हित में नहीं रहा है तो हमें इससे हट जाना चाहिए।" हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस समझौते को बचाने के लिए यूरोपीय संघ के साथ बातचीत जारी रखी जाए। लेकिन इस मसले पर ईरानी सरकार बहुत उम्मीद न करे।" खामेनी ने कहा कि प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बिना शर्त बातचीत के ऑफर के बावजूद ईरान को अमेरिका से किसी तरह के वार्तालाप में शामिल नहीं होना चाहिए।

ईरान ने खटखटाया आईसीजे का दरवाजा
गौरतलब है कि ईरान ने अमेरिका द्वारा थोपे गए प्रतिबंधों को हटवाने की मांग को लेकर संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया है। उसने दलील दी है कि अमेरिकी प्रतिबंधों से उसकी अर्थव्यवस्था तबाह हो रही है। फिलहाल इस मामले की सुनवाई चल रही है। इस पर महीने भर के अंदर फैसला आने की उम्मीद है। यहां हम आपको ये भी बता दें कि परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने के बाद बाकी देश समझौते पर कायम रहने की प्रतिबद्धता जता चुके हैं।

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