दशकों से हिंसा देखते आ रहे हैं कश्मीरी बच्चे, विवाद को शांति से सुलझाएं: मलाला

दशकों से हिंसा देखते आ रहे हैं कश्मीरी बच्चे, विवाद को शांति से सुलझाएं: मलाला

IANS News
Update: 2019-08-08 09:00 GMT
दशकों से हिंसा देखते आ रहे हैं कश्मीरी बच्चे, विवाद को शांति से सुलझाएं: मलाला
हाईलाइट
  • मलाला ने भारत-पाकिस्तान के बीच क्षेत्र को लेकर चले आ रहे विवाद को खत्म करने की अपील की है

डिजिटल डेस्क, लंदन। (आईएएनएस)। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और पाकिस्तानी कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने गुरुवार को कहा, करीब सात दशकों से हिंसा के बीच कश्मीर के बच्चे पले-बड़े हैं। ऐसे में मलाला ने जम्मू और कश्मीर से विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच क्षेत्र को लेकर चले आ रहे विवाद को खत्म करने की अपील की है।

सबसे युवा नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला ने कश्मीर विवाद को लेकर ट्वीट कर कहा, जब मैं बच्ची थी, जब मेरे माता-पिता भी बच्चे थे, यहां तक कि जब मेरे दादा-दादी भी युवा थे, तब से कश्मीर के लोग संघर्षरत हैं। ट्वीट में मलाला ने लिखा, करीब सात दशक से कश्मीर के बच्चे हिंसा के बीच पले बड़े हैं। मैं कश्मीर की परवाह करती हूं क्योंकि दक्षिण एशिया मेरा घर है, एक घर जहां मैं कश्मीरियों सहित 1.8 अरब लोगों के साथ रहती हूं।

इस क्षेत्र ने विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों, भाषाओं, व्यंजनों और रीति-रिवाजों का प्रतिनिधित्व किया है। मलाला ने उम्मीद जताते हुए कहा कि हम सभी शांति से रह सकते हैं। मलाला ने अपने बयान में कहा कि वह कश्मीर की महिलाओं और बच्चों को लेकर ज्यादा चिंतित हैं, क्योंकि वे हिंसा में सबसे अधिक प्रभावित होते हैं और संघर्ष में उन्हें हानि पहुंचने की सबसे अधिक संभावना है।

मलाला ने कहा, हमारे बीच जो भी मतभेद रहे हों, हमें दशकों से चले आ रहे विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का प्रयास करना चाहिए। मलाला का यह बयान तब आया है जब भारत सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया है, जिससे कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था।

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