चीन के तीन ऑइल और गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट से मलेशिया ने खींचे हाथ

चीन के तीन ऑइल और गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट से मलेशिया ने खींचे हाथ

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-18 14:10 GMT
चीन के तीन ऑइल और गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट से मलेशिया ने खींचे हाथ
हाईलाइट
  • मलेशिया ने चीन के तीन ऑइल और गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिए है।
  • मलेशियाई सरकार ने चीन पेट्रोलियम पाइपलाइन इंजीनियरिंग कंपनी (CPP) को एक नोटिफिकेशन के माध्यम से सूचित किया।
  • ये परियोजनाएं मल्टी पेट्रोलियम प्रोडक्ट ट्रांसपोर्ट पाइपलाइन (MPP)
  • द सबाह गैस पाइपलाइन (TSGP) और पेट्रोनास है।

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। मलेशिया ने चीन के तीन ऑइल और गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिए है। मलेशियाई सरकार ने चीन पेट्रोलियम पाइपलाइन इंजीनियरिंग कंपनी (CPP) को एक नोटिफिकेशन के माध्यम से सूचित किया कि उसने अपनी तीन परियोजनाओं को "औपचारिक रूप से बंद कर दिया है। ये परियोजनाएं मल्टी पेट्रोलियम प्रोडक्ट ट्रांसपोर्ट पाइपलाइन (MPP), द सबाह गैस पाइपलाइन (TSGP) और पेट्रोनास है। 

मलेशियन कैबिनेट ने 27 जुलाई 2016 को दोनों लार्ज स्केल प्रोजेक्ट TSGP और MPP को मंजूरी दी थी। एक मीडिया रिसर्च कंपनी, चाइनास्कोप का कहना है कि CPP ने "आर्थिक और वित्तीय कारणों से" फैसले को स्वीकार कर लिया। CPP चीन नेशनल पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन की सहायक कंपनी है, जो पूरे चीन में पाइपलाइन स्ट्रकचर बनाती है। मीडिया रिसर्च कंपनी ने लिखा परियोजनाओं को बंद करने के बाद, दोनों पक्ष निष्पक्ष और उचित मुआवजे की व्यवस्था पर चर्चा करेंगे। इसमें आगे कहा गया है कि भले ही चीन को भुगतान का एक बड़ा हिस्सा मिला हो लेकिन बंद परियोजनाएं 85 प्रतिशत से अधिक अपूर्ण हैं।

मलेशियाई अधिकारियों ने अन्य परियोजनाओं को भी अपने स्कैनर पर रखा है। चाइनास्कोप के मुताबिक कुछ परियोजनाएं अभी भी जांच में हैं। मलेशियाई वित्त मंत्रालय ने 3 जुलाई 2018 में तीन परियोजनाओं में से दो को रोक दिया।

इससे पहले चीन की महत्वकांक्षी परियोजना वन बेल्ट, वन रोड से मलेशिया ने अपने हाथ पीछे खींच लिए थे। इस प्रोजेक्ट के संबंध में मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद का कहना था कि चीन का वन बेल्ट, वन रोड प्रोजेक्ट उनके देश के लिए फायदेमंद नहीं है। मलेशिया, चीन के कर्ज के भार को न तो सह सकता है, न ही उस कर्ज को चुका सकता है। भारत सहित दुनिया के तमाम देशों को भी चीन के इस प्रोजेक्ट से आपत्ति है।

वन बेल्ट-वन रोड प्रोजेक्ट के तहत चीन कई नए अंतरराष्ट्रीय रूट बनाना चाहता है इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 900 अरब डॉलर है। दक्षिण पूर्वी एशियाई कॉरिडोर के तहत चीन की परियोजना म्यांमार, वियतनाम, लाओस, थाइलैंड से गुजरती हुई इंडोनेशिया तक पहुंचेगी। इस प्रोजेक्ट में शामिल होने वाले देशों में ज्यादातर काम चीनी कंपनियां कर रही हैं। चीन का कर्ज लेकर अपना आधारभूत ढांचा खड़ा करने वाले देशों को कामकाज के दौरान चीनी कंपनियों को भुगतान करना होगा। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद उन्हें चीन को भी कर्ज लौटाना होगा।

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